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मध्य प्रदेश: नहर से नहीं हटा अतिक्रमण, अवमानना याचिका पर जारी हुआ नोटिस

भोपाल। वारासिवनी निवासी आनंद ताम्रकर की ओर से दायर की गई अवमानना याचिका में बताया गया था कि मुख्य नहर की जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा हैं, जिस वजह से नहर का स्वरूप छोटा होने की कगार पर है। इसके अलावा गंदगी से नहर का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। अतिक्रमण की वजह […]

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Jabalpur High Court
  • March 16, 2023 5:00 am IST, Updated 2 years ago

भोपाल। वारासिवनी निवासी आनंद ताम्रकर की ओर से दायर की गई अवमानना याचिका में बताया गया था कि मुख्य नहर की जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा हैं, जिस वजह से नहर का स्वरूप छोटा होने की कगार पर है। इसके अलावा गंदगी से नहर का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। अतिक्रमण की वजह से नहर में पहुंचने का मार्ग भी बाधित हो रहा है।

अतिक्रमण व गंदगी के कारण नहर खतरे में

नहर के पानी को लोग प्रतिदिन की दिनचर्या के लिए प्रयोग में लाते थे। अतिक्रमण व गंदगी के कारण नहर का अस्तित्व संकट में है। इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर को अभ्यावेदन दिया था। अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई न होने की वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया था कि अभ्यावेदन पर सुनिश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

हाईकोर्ट ने 2016 में याचिका का किया था निराकरण

हाईकोर्ट ने साल 2016 में याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में यह बताया था कि तीन महीने की निर्धारित सीमा में अभ्यावेदन पर कार्रवाई करें। निर्धारित समय सीमा की समाप्ति के छह साल बाद भी कार्रवाई नही करने के खिलाफ अवमानना याचिका को दाखिल किया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर बालाघाट और एसडीएम वारासिवनी को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रोहित पैगवार द्वारा पैरवी की गई।


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