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मध्य प्रदेश: बरखेड़ा पठानी का नाम हुआ लाल बहादुर शास्त्री, इससे पहले इन स्थानों के भी बदले नाम

भोपाल। मध्य प्रदेश में शहरों और कॉलोनियों का नाम बदलने का सिलसिला जारी है. शिवराज सरकार द्वारा भोपाल में बरखेड़ा पठानी का नाम बदल दिया गया है. इस जगह को अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम से जाना जाएगा. निगम की बैठक में सर्वसमिति से यह प्रस्ताव पारित हुआ था. इसके बाद नगर […]

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बरखेड़ा पठानी का नाम हुआ लाल बहादुर शास्त्री
  • April 26, 2023 3:20 am IST, Updated 2 years ago

भोपाल। मध्य प्रदेश में शहरों और कॉलोनियों का नाम बदलने का सिलसिला जारी है. शिवराज सरकार द्वारा भोपाल में बरखेड़ा पठानी का नाम बदल दिया गया है. इस जगह को अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम से जाना जाएगा. निगम की बैठक में सर्वसमिति से यह प्रस्ताव पारित हुआ था. इसके बाद नगर निगम के सामान्य प्रशासन विभाग ने नाम बदलने के आदेश जारी कर दिए हैं.

इन जगहों के भी बदले थे नाम

आपको बता दें कि इससे पहले शिवराज सरकार ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलते हुए रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया था. इसके अलावा इस्लामनगर का नाम जगदीशपुर रखा गया था. भोपाल के नजदीक स्थित सीहोर जिले के नसरुल्लागंज का नाम बदलकर अप्रैल में भैरूंदा किया गया था. इसका नोटिफिकेशन भी शिवराज सरकार द्वारा जारी किया गया था. नसरुल्लागंज का नाम भैरूंदा किए जाने का प्रस्ताव शिवराज सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार को भेजा था. गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया था.

पिछले साल इन स्थानों के नाम में हुआ था परिवर्तन

बता दें कि पिछले साल भोपाल नगर निगम की मीटिंग हुई थी, जिसमें भोपाल की दो जगहों के नाम चेंज कि गए थे. पहली जगह थी लालघाटी, जिसका नाम महेंद्र नारायण दास जी महाराज सर्वेश्वर चौराहा किया गया था. वही दूसरी जगह थी हलालपुर बस स्टैंड, जिसका नाम हनुमानगढ़ी रखा गया था. इन दोनों जगहों के नाम बदलने का प्रस्ताव भोपाल से बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा पेश किया गया था. निगम अध्यक्ष ने समर्थन करते हुए इन प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी थी.

हलाल शब्द को बताया था अशुद्ध

प्रस्ताव में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘हलालपुरा का हलाल शब्द खराब और अशुद्ध है. हम गुलामी के प्रतीकों को हटाकर फिर से भारत का इतिहास बदलने की ताकत रखते हैं. हलाल अशुद्ध शब्द है, इसको हटा दिया जाना चाहिए. हम भोपाल का दोबारा निर्माण और इतिहास बदलने के लिए खड़े हैं.’ उन्होंने आगे कहा था कि हलालपुर बस स्टैंड का नाम हनुमानगढ़ी बस स्टैंड रखा जाना चाहिए. जबकि लालघाटी चौराहे पर कई वीर और वीरांगनाओं ने प्राणों की आहुति दी है. इसके अलावा कई हत्याएं भी हुई हैं. उन सभी को याद करते हुए इस चौराहे का नाम महेंद्र नारायण दास जी महाराज सर्वेश्वर चौराहा होना चाहिए.


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