Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • Suffocating: पति-पत्नी का रिश्ता बना दमघोटू, महिला ने कहा कि नहीं चाहिए क्रूर पति से जन्मा बच्चा

Suffocating: पति-पत्नी का रिश्ता बना दमघोटू, महिला ने कहा कि नहीं चाहिए क्रूर पति से जन्मा बच्चा

भोपाल। इंदौर में लव मैरिज के एक साल बाद ही पति-पत्नी में इतने विवाद हुआ कि दोनों को एक साथ रहने में घुटन महसूस होने लगी। दोनों का प्यार नफरत में बदल गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों का मामला कोर्ट पहुंच गया। पत्नी ने गर्भ में पल रहे बच्चे के गर्भपात कराने की […]

Advertisement
Suffocating
  • December 13, 2024 2:27 am IST, Updated 2 months ago

भोपाल। इंदौर में लव मैरिज के एक साल बाद ही पति-पत्नी में इतने विवाद हुआ कि दोनों को एक साथ रहने में घुटन महसूस होने लगी। दोनों का प्यार नफरत में बदल गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों का मामला कोर्ट पहुंच गया। पत्नी ने गर्भ में पल रहे बच्चे के गर्भपात कराने की अनुमति हाईकोर्ट से मांगी।

डॉक्टरों ने महिला का अबॉर्शन किया

हाईकोर्ट के आदेश पर महिला एडवोकेट को बतौर काउंसलर नियुक्त किया गया। उन्होंने पति-पत्नी की काउंसिलिंग की। सुनवाई में जज ने भी समझाइश दी, लेकिन एजुकेटेड पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहने के लिए कतई राजी नहीं थी। कोर्ट में पत्नी ने कहा कि वह क्रूर पति से जन्मा बच्चा नहीं चाहेगी। अगर वह इस दुनिया में आया, तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा। महिला ने कोर्ट से अबॉर्शन की गुहार लगाई। आखिरकार हाईकोर्ट की अनुमति दी। जिसके बाद गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने महिला का अबॉर्शन करा।

शादी के लिए परिवार वाले राजी नहीं थे

युवक-युवती की शादी के लिए दोनों के परिवार पहले ही राजी नहीं थे। पिछले साल दोनों ने लव कम अरेंज मैरिज की। कुछ महीने सब कुछ अच्छा रहा, लेकिन फिर छोटी-छोटी बात पर दोनों का झगड़ा होने लगा। इस बीच पत्नी गर्भवती हो गई। जिससे झगड़े और बढ़ गए। पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा के खिलाफ केस दर्ज कराया। दोनों केस अभी विचाराधीन हैं। पत्नी के गर्भ को 18 हफ्ते हो गए।

परिवार दहेज की मांग को पूरा करें

ऐसी स्थिति बन गई कि दोनों अलग रहने लगे। महिला ने बताया कि उसके परिवार की स्थिति ऐसी नहीं है कि पति की दहेज की मांग को पूरा कर सके। दोनों के परिवारों के लोगों ने भी समझाया, लेकिन दोनों ने ठान लिया था कि साथ नहीं रहेंगे। इसी महीने महिला ने सीनियर एडवोकेट ऋषि आनंद चौकसे के माध्यम से हाईकोर्ट में अबॉर्शन की अनुमति मांगी। महिला ने बताया कि वह इस बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती। उसे 18 हफ्ते का गर्भ है।

परिवार के साथ बैठकर बात करें

एडवोकेट ने महिला को समझाया भी कि परिवार के साथ बैठकर बातचीत करें, लेकिन महिला नहीं मानी। वह अपने पति से अलग होना चाहती थी। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। जिससे हाईकोर्ट ने स्वीकृति दे दी और महिला ने गर्भपात कराया।


Advertisement