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MP News: भीषण जल संकट के बीच वरदान साबित होगा मां नर्मदा का जल

भोपाल। दमोह जिले के(MP News) तेंदूखेड़ा ब्लॉक में हर साल गर्मी में भीषण जल संकट पैदा होता है। लेकिन इस साल शुरू हुई नर्मदा बेसिन परियोजना इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुई। अब नगर परिषद के टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों के घरों में इस […]

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MP News: Mother Narmada's water will prove to be a boon amidst the severe water crisis.
  • June 18, 2024 7:25 am IST, Updated 8 months ago

भोपाल। दमोह जिले के(MP News) तेंदूखेड़ा ब्लॉक में हर साल गर्मी में भीषण जल संकट पैदा होता है। लेकिन इस साल शुरू हुई नर्मदा बेसिन परियोजना इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुई। अब नगर परिषद के टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों के घरों में इस परियोजना के तहत पानी पहुंचाया जा रहा है। दूसरी सबसे बड़ी बात जहां-जहां पाइप लाइन में लीकेज था। वहां टंकियां बनवाई गई है। जिनमें पानी भरा होने से अब मवेशी भी अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

स्थानीय लोगों, राहगीरों और मवेशियों को मिला परियोजना का लाभ

बता दें कि यह योजना मार्च के महीने में शुरू हुई और इस साल अन्य वर्षों की तुलना में मौसम में ज्यादा गर्मी हुई। इसके बाद भी नगर में पानी की कमी नहीं आई। पानी हर घर में पर्याप्त मात्रा में पहुंचा रहा है। इसलिए इस वर्ष नगर परिषद की टैंकर सुविधा चालू ही नहीं हुई। दमोह जिले का तेंदूखेड़ा पहला ऐसा ब्लॉक है। जहां मां नर्मदा का जल पहुंचा है। नर्मदा नदी को जीवन दायनी कहा जाता है। तेंदूखेड़ा में भी इसी तरह के जीवन दाई कार्य हुए हैं, क्योंकि नगर के साथ जंगली क्षेत्रों में भी इस योजना का अच्छा लाभ मिलता नजर आ रहा है। निर्माण कंपनी द्वारा नर्मदा का पानी जंगल,पहाड़ और चट्टानों से होकर तेंदूखेड़ा तक पहुंचाया जाता है। इस बीच इन्होने एक ऐसा प्रयास किया जिसका लाभ बेजुबान जानवरों और राहगीरों को भी पर्याप्त मात्रा में मिल रहा हैं।

नर्मदा परियोजना से नगर में हुए 3400 से ज्यादा पानी के कनेक्शन

पाटन से नरगवा तक जगह-जगह पानी भरा होने से मवेशियों को भी इस परियोजना से फाय प्रतिदिन दा पहुंच रहा है। इस परियोजना के तहत मवेशियों को आमतौर पर क्षेत्रों में देखा जा सकता है। यहां तक की तेंदुआ ने भी पानी के कारण इसी मार्ग पर अपना रहवास बना लिया था। इसके अलावा नीलगाय, सियार और अन्य मवेशी यहां रोज सुबह-शाम पानी पीते दिखाई देते है। मवेशियों के अलावा राहगीर को भी इस बार पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उनके लिए भी यह योजना लाभदायक सिद्ध हुई हैं। जंगली क्षेत्र में आवागमन करने बाले राहगीर और चरवाहो को इस वर्ष पर्याप्त पानी भरा मिला है । नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सतेन्द्र जैन का कहना है कि इस वर्ष नर्मदा का जल आने के बाद नगर में जल संकट की स्थिति नहीं बनी है। इसलिए टेंकर व्यवस्था पूरी तरह बंद रही। नर्मदा बेसिन योजना के प्रभारी अभिषेक पांडे ने बताया कि तेंदूखेड़ा नगर में 3400 कनेक्शन हो चुके है और सभी कनेक्शन से घर- घर पानी पहुंच रहा है।


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