भोपाल। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सोमवार यानि आज एमपी का अंतरिम बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि 1 लाख करोड़ तक का लेखानुदान हो सकता है। इस बजट में कोई नई घोषणाएं नहीं होंगी. सरकार जो योजना घोषित कर चुकी है, उसके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। अंतरिम बजट होगा […]
भोपाल। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सोमवार यानि आज एमपी का अंतरिम बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि 1 लाख करोड़ तक का लेखानुदान हो सकता है। इस बजट में कोई नई घोषणाएं नहीं होंगी. सरकार जो योजना घोषित कर चुकी है, उसके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।
एमपी की मोहन सरकार सोमवार को ‘अंतरिम बजट’ पेश करेगी। हालांकि, इस बजट में कोई नई घोषणाएं नहीं होंगी। सरकार जो योजना घोषित कर चुकी है, उसके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। माना जा रहा है कि 1 लाख करोड़ तक का लेखानुदान हो सकता है। इस दौरान सदन में उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का भाषण होगा, जिसमें वह अपना अंतरिम बजट पेश करेंगे। लेखानुदान में किए जा रहे प्रावधानों के बारे में विधायकों को जानकारी पेन ड्राइव में उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे वे अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर देख सकते हैं।
माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में पीएम जनमन योजना के लिए नई मद खोली जाएगी। भारिया, बैगा और सहरिया आदिवासी परिवारों के लिए पीएम आवास की तर्ज पर आवास स्वीकृत होंगे। इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को आवास निर्माण के लिए 2 लाख रुपये किस्तों में दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीएम आवास के लक्ष्य में भी वृद्धि की जा सकती है। वहीं, आर्थिक सर्वेक्षण Monsoon Session में पेश किया जाएगा।
यादव सरकार अपने अंतरिम बजट में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए भी धन का प्रावधान कर सकती है। इसके अलावा एकीकृत पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए भी राशि के प्रावधान किए जाने की संभावना है।
बजट में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज, वेतन और पारिश्रमिक में वृद्धि, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते, सिंचाई और अधोसंरचना विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए धन का प्रावधान किया जाएगा.
बता दें, यह अंतरिम बजट तीन महीने के लिए होगी। लोकसभा चुनाव के बाद जून-जुलाई में राज्य की सरकार पूर्ण बजट लेकर आएगी। अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह एक लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। यह अंतरिम बजट है तो सरकार इसमें कोई नई घोषणा नहीं करेगी। पुरानी योजनाओं को सही तरीके से चलाने के लिए फंड आवंटित करेगी। ताकि पुरानी योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़े।
दरअसल, एमपी सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। योजनाओं को चलने के लिए कर्ज लेना पड़ा रहा है। केंद्र ने अंतरिम बजट पेश किया है। ऐसे में केंद्रीय योजनाओं को लेकर आगे कितना फंड मिलेगा, यह पूर्ण बजट से ही साफ होगा। अभी तो केंद्र की तरफ से फंड मिला है, वो तीन महीने के लिए ही है। ऐसे में एमपी सरकार केंद्रीय बजट के बाद ही पूर्ण बजट लेकर आएगी।