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किसानों को नहीं मिलेगी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ, एमएसपी पर नहीं बेच पाएंगे अपनी फसल

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब नरवाई जलाने वाले किसान एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। ऐसे किसानों को एमपी सरकार की ओर से सीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा। किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाले 6 हजार रुपए अब किसानों के खाते में नहीं आएंगे। राजस्व विभाग के साथ […]

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not get the benefit of Kisan Samman Nidhi
  • April 25, 2025 5:52 am IST, Updated 1 day ago

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब नरवाई जलाने वाले किसान एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। ऐसे किसानों को एमपी सरकार की ओर से सीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा। किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाले 6 हजार रुपए अब किसानों के खाते में नहीं आएंगे।

राजस्व विभाग के साथ समीक्षा बैठक

सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में फैसला लिया गया कि नरवाई जलाने वाले किसानों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। यह फैसला एक मई 2025 से लागू होगा। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि आधारित राज्य है। फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामले में प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे हैं। नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण समेत कई तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। खेत में आग लगाने से जमीन में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

अतिक्रमण हटाने के लिए खास अभियान

नरवाई जलाने से जमीन की उर्वरक क्षमता भी कम हो जाती है। इसके लिए राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा चुकी है। मृदा संरक्षण, पर्यावरण और जमीन की उत्पादकता बनाए रखने को लेकर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है जो एक मई से लागू होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी जमीनों, तालाबों, कुएं-बावड़ी और गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए खास अभियान चलाएं।

जल संग्रहण के काम को राजस्व अधिकारी करें

जल गंगा संवर्धन अभियान में सभी जल संग्रहण स्रोतों के संरक्षण के लिए राजस्व अधिकारी अपना काम करें। सीएम ने यह भी कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी अमृत सरोवर, बांध, तालाब, नहर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराना जरूरी है। सीएम यादव ने कहा कि अभियान में नहर, कुएं और बावड़ी जैसी जल संरचनाओं को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाए। सीएम ने अधिकारियों को नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व से जुड़े कामों की सीमा तय करने को कहा है।

राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण

राज्य सरकार ने कहा है कि कई परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन के काम को प्राथमिकता से किया जाए। सीएम ने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करें। बंटवारा, नामांतरण आदि मामलों का निराकरण समय सीमा में लगातार होता रहे।


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