भोपाल। मानसून के मौसम में बारिश के कारण दूषित पानी समेत कई कारणों से डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। मध्यप्रदेश में इस साल सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। यही कारण है कि चारों तरफ पानी भरा होने के कारण बैक्टीरिया पनपने और साफ-सफाई न हो पाने के कारण डायरिया के मामले तेजी […]
भोपाल। मानसून के मौसम में बारिश के कारण दूषित पानी समेत कई कारणों से डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। मध्यप्रदेश में इस साल सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। यही कारण है कि चारों तरफ पानी भरा होने के कारण बैक्टीरिया पनपने और साफ-सफाई न हो पाने के कारण डायरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मृत्यु का तीसरा मुख्य कारण है। हर साल यह पूरी दुनिया में लगभग 4 लाख 44 हजार बच्चों की मौत का कारण बनता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया से मृत्यु दर 9% तक है। आइए जानते है डायरिया के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
इन्फेक्शन
कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया हमारी आंतो में संक्रमण फैलाते है। जो दस्त का कारण बनता है। वयस्कों नें डायरिया की मुख्य वजह नोरोवायरस है, वहीं बच्चों में रोटावायरस सीवियर डायरिया सबसे साधारण है। रोटावायरस बच्चों में कई बार खतरनाक साबित होता है।
फूड प्वॉइजनिंग
अगर हमारे खाने के माध्यम से कोई हानिकारक विषैला पदार्थ हमारे पेट में चला जाता है तो ये फूड प्वॉइजनिंग का कारण बनता है। जिससे दस्त लग जाते है। यह विषैले पदार्थ हमारे शरीर की आंतो को संक्रमित करते है जो डायरिया का कारण बनता है।
दूषित खाना खाने से
जब कोई व्यक्ति गंदगी वाले इलाके में यात्रा करता है तो इस बात का शक होता है कि कि गंदगी की वजह से पीने या खाने के जरिए हमारे शरीर में कोई संक्रामक पैथोजेन पेट में चला जाता है। ज्यादातर ऐसा कोली बैक्टीरिया डायरिया का कारण बनता है।
बार-बार मल त्यागना, पेट में तेज दर्द होना, पैरों व पेट में ऐठन होना, पेट में सूजन का आना, जी मचलाना या उल्टी आना, पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन
हाथ-पैर को बार-बार धोए।
खाने को ढ़ककर रखें।
बासी या पुराना खाना खाने से बचें।
कही बाहर जाए तो पानी की बोतल लेकर जाए।
बाहर का जूस पीने से बचे।
फलों और सब्जियों को धोकर इस्तेमाल करें।