भोपाल। इंदौर में स्वछता सर्वेक्षण पूरा हो गया है. सफाई का सर्वे करने आई टीम हफ़्तेभर इंदौर में रही. उन्होंने रहवासियों से बात भी की, लोगों ने सफाई व्यवस्था पर तो संतोष जताया, लेकिन गंदा पानी आने की समस्या बताई। टीम ने बस्तियों में जाकर सफाई व्यवस्था का बारिकी से मुआयना किया। इंदौर को इस […]
भोपाल। इंदौर में स्वछता सर्वेक्षण पूरा हो गया है. सफाई का सर्वे करने आई टीम हफ़्तेभर इंदौर में रही. उन्होंने रहवासियों से बात भी की, लोगों ने सफाई व्यवस्था पर तो संतोष जताया, लेकिन गंदा पानी आने की समस्या बताई। टीम ने बस्तियों में जाकर सफाई व्यवस्था का बारिकी से मुआयना किया।
6 बार लगातार में पहले स्थान पर रहने वाली इंदौर में स्वचछता सर्वेक्षण पूरा हो गया है. हफ्तेभर तक इंदौर के अलग-अलग क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था देखकर टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है. जानकारी के अनुसार डेढ़ महीने बाद स्वच्छता रैंकिंग का ऐलान होगा। इस बार इंदौर को सूरत और नवी मुबंई शहर से कड़ी टक्कर मिल रही है।
बता दें. स्वच्छता रैंकिंग में इस बार वाटर प्लस में सेवन स्टार रैंकिंग भी नहीं मिल पाई है. इसी वजह से इस बार रैंकिंग बरकरार रखना इंदौर नगर निगम के लिए चुनौती है. वर्षाकाल में सर्वे होने की वजह से स्वच्छता से जुड़े कई काम ठीक से नहीं हो पाए। इसका असर रैंकिंग पर पड़ सकता है, इसके बावजूद मेयर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि दूसरे शहरों की तुलना में इंदौर की सफाई काफी बेहतर है। इस बार भी हम सातवी बार स्वच्छता रैंकिंग में पहले स्थान पर होंगे।
सफाई का सर्वे करने आई टीम ने इंदौर में रहवासियों से बात किया। लोगों ने सफाई व्यवस्था पर तो संतोष जताया, लेकिन गंदा पानी आने की समस्या बताई। टीम ने बस्तियों में जाकर सफाई व्यवस्था का बारिकी से मुआयना भी किया। खजराना क्षेत्र की बस्तियों में दो बार टीम पहुंची। इसके अलावा ट्रेंचिंग ग्राउंड, कचरा ट्रांसवर स्टेशन समेत अन्य व्यवस्थाएं भी देखी।
इस बार बारिश के कारण नाले पूरी तरह से साफ़ नहीं हो पाए हैं. जानकारी के अनुसार पिछले बार इंदौर को वाटर प्लस में सेवन स्टार रैटिंग मिली थी। उसके एक हजार से ज्यादा नंबर रैंकिंग में जुड़े थे। इसी वजह से छठी बार स्वच्छता में पहली रैंकिंग निगम को मिल गई थी, लेकिन इस बार सर्वे नहीं हुआ। इसके अतिरिक्त शहर में नर्मदा, स्टार्म वाॅटर, मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट और सीवरेज के काम भी चल रहे है। इस कारण भी शहर ठीक तरह से साफ नहीं हो पाया। बारिश के कारण डिवाइडरों का रंग-रोंगन और वाॅल पेंटिंग भी नहीं हो पाई। पिछली बार की तुलना में शहर कम साफ दिखा।