भोपाल। देश का सबसे सुरक्षित शहर बनने की स्थिति में इंदौर ने एक कदम आगे बढ़ाया है। आए दिन कई ऐसे मामले सामने आते है जो महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते है। ऐसे में मोहन यादव सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तकनीक से हाथ मिलाया है। जिसके तहत शहर में 56 […]
भोपाल। देश का सबसे सुरक्षित शहर बनने की स्थिति में इंदौर ने एक कदम आगे बढ़ाया है। आए दिन कई ऐसे मामले सामने आते है जो महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते है। ऐसे में मोहन यादव सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तकनीक से हाथ मिलाया है। जिसके तहत शहर में 56 हजार से ज्यादा कैमरे लगाएं जाएंगे।
शहर में विभिन्न स्थानों पर अब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि अपराध को नियंत्रित किया जा सके। इन कैमरों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। कैमरे बंद होने पर तुरंत सूचित किया जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने इंदौर के लिए सामुदायिक निगरानी सिस्टम को अनुमति देते हुए आदेश जारी किया था। जिसके बाद अब ऐसे इलाके जहां 100 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है। वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा।
मेयर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में एमआईसी बैठक में इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद भोपाल भेजा गया है। एमआईसी बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिली। 1500 वर्गफीट या उससे ज्यादा के क्षेत्रफल वाले व्यवासायिक संस्थान में सड़क की ओर मुंह करते हुए कैमरे लगाने होंगे। पार्किंग में भी कैमरे लगाना अनिवार्य है। मेयर ने आगे बताया कि इसे लेकर जल्द ही व्यवसायिक संगठनों, रहवासी संघों, औद्योगिक संगठनों से चर्चा करेंगे।
ऐसी सभी सभाएं और आयोजन जिसमें एक हजार या उससे ज्यादा के लोग होंगे। वहां भी सीसीटीवी लगाना जरूरी होगा। रिकॉर्डिंग को कम से कम 30 दिन तक सुरक्षित रखना होगा। शहर में कैमरे लगाने से भीड़ भरे स्थानों की निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही इससे अपराधों पर लगाम लगाने में भी सहायता होगी।