भोपाल। एमपी की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने मां का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज़ से ना करवाने पर बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एमपी में सम्भवतः पहला मामला है। रीति रिवाज से नहीं किया मां का अंतिम संस्कार मामला भोपाल के पास […]
भोपाल। एमपी की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने मां का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज़ से ना करवाने पर बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एमपी में सम्भवतः पहला मामला है।
मामला भोपाल के पास स्थित गुनगा थाना क्षेत्र का है। गुनगा TI अरुण शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि 13 फरवरी को गांव की ही रहने वाली 80 साल की तुलसी बाई का निधन बीमारी के चलते हो गया था। लेकिन मां की मौत के बाद बेटे जगदीश ने हिंदू रीति रिवाज़ों से मां का अंतिम संस्कार ना करते हुए गांव के पास जंगल में खुदे गड्ढे में दफना दिया। गांव वालों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी और तुलसी बाई की हत्या का शक जताया।
गुनगा TI अरुण शर्मा ने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए तुलसी बाई के शव को गड्ढे से खोद कर निकाला गया और उसका पोस्टमॉर्टम करवाया गया. इस बीच तुलसी बाई का रीति रिवाज़ से अंतिम संस्कार भी करवाया गया। TI अरुण शर्मा के मुताबिक क्योंकि गांववालों ने बेटे पर हत्या का शक जताया था, इसलिए बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि मां की मौत के बाद उसके पास अंतिम संस्कार तक के रुपए नहीं थे, इसलिए उसने जंगल में खुदे गड्ढे में मां को दफना दिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी तुलसी बाई की मौत सामान्य होना पाई गई, जिसके बाद बेटे की बेगुनाह साबित हुआ। लेकिन बेटे ने अपनी मां के शव को सम्मान जनक अंतिम संस्कार नहीं किया इसलिए बेटे जगदीश के खिलाफ IPC की धारा 297 के तहत केस दर्ज कर उसे मुचलके पर रिहा कर दिया गया।