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क्यों मनाते हैं गुड फ्राइडे, आइए जानते हैं इसका इतिहास

भोपाल। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का पवित्र त्योहार है। यह दिन प्रभु यीशु मसीह को समर्पित होता है। इस दिन ईसाई धर्म के लोग उपवास, मौन और ध्यान का पालन करते हैं। आज के दिन ईसाई धर्म के लोग चर्चों में जाकर खास प्रार्थना करते हैं।आइए आज हम जानते हैं कि दुख के दिन को […]

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  • April 18, 2025 8:47 am IST, Updated 1 day ago

भोपाल। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का पवित्र त्योहार है। यह दिन प्रभु यीशु मसीह को समर्पित होता है। इस दिन ईसाई धर्म के लोग उपवास, मौन और ध्यान का पालन करते हैं। आज के दिन ईसाई धर्म के लोग चर्चों में जाकर खास प्रार्थना करते हैं।आइए आज हम जानते हैं कि दुख के दिन को क्यों बोलते हैं गुड फ्राइडे।

गुड फ्राइडे का इतिहास

प्रभु यीशु मसीह का जन्म बेथलम में हुआ था। उन्होंने धर्म के रास्ते पर चलकर बुराइयों का नाश किया। साथ ही लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया। बुरे लोगों को ईसा मसीह का यह रास्ता पसंद नहीं आया। उन्होंने उनके खिलाफ अफवाह फैला दी, जिसके बाद यहूदी शासकों ने यीशु मसीह को सूली पर चढ़ा दिया। जिस दिन यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया, वह दिन कोई और नहीं बल्कि शुक्रवार का ही दिन था, इसलिए इसे गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता है। दरअसल अंग्रेजी में गुड को होली यानी पवित्र कहते हैं।

कैसे दी यीशु को सजा

गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में भी यह बताया गया है कि लगभग 6 घंटे तक ईसा मसीह को कीलों से ठोका गया था। इसके बाद उन्हें सूली पर लटकाया गया। इस घटना के 2 दिन बाद यानी रविवार को प्रभु ईसा मसीह फिर से जीवित हुए थे, जिसे ईस्टर के नाम से मनाया जाता है। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म मानने वालों के लिए बेहद खास होता है।

यीशु मसीह का स्मरण

ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन ही सूली पर चढ़ाया गया था, जिसे आज दुनियाभर में फ्राइडे के रूप में मनाते हैं। आज के दिन ईसाई धर्म के लोग यीशु को याद करते हैं। इस दिन पर यीशु मसीह की पीड़ा और मानव जाति के लिए उनके बलिदान के लिए याद किया जाता है।


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