भोपाल। हिंदू धर्म में रंभा तीज का खास महत्व होता है। रंभा तीज का यह व्रत रंभा देवी को समर्पित होता है। रंभा तीज के दिन देवी रंभा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। रंभा तीज के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है। रंभा तीज का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को रंभा देवी का […]
भोपाल। हिंदू धर्म में रंभा तीज का खास महत्व होता है। रंभा तीज का यह व्रत रंभा देवी को समर्पित होता है। रंभा तीज के दिन देवी रंभा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। रंभा तीज के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है। रंभा तीज का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को रंभा देवी का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही दंपति जीवन में स्नेह और प्यार बढ़ता है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रंभा तीज मनाई जाती है। इस साल रंभा तीज 29 मई यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही रंभा देवी की पूजा-पाठ करती हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक सर्वार्थ सिद्धि योग रात 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा। जो अगले दिन 05 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। रवि योग रात 10 बजकर 38 मिनट से लेकर अगले दिन 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
रंभा तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर देवी रंभा की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं। रंभा देवी को लाल रंग के फूल, मौसमी फल, श्रृंगार का सामान अर्पित करें। साथ ही सच्चे मन से व्रत का संकल्प लें। रंभा तीज के दिन अप्सरा रंभा को पूजा जाता है,जिन्हें सौंदर्य, सौभाग्य और समृद्धि की देवी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में अप्सरा रंभा भी शामिल थी। इस खास अवसर पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करके व्रत करती है। साथ ही सच्चे मन से देवी रंभा को याद करती है। ऐसा कहा जाता है कि रंभा तीज का व्रत करने से रंभा देवी, भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।