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हिंदू पंचांग के पहले महीने चैत्र की शुरूआत, जानें क्यों है यह माह खास

भोपाल। भारतीय पंचांग का पहला महीना चैत्र होता है। चित्रा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसका नाम चैत्र रखा गया है। चैत्र माह से ही वसंत का समाप्ति होती है और ग्रीष्म का आरम्भ होता है। ग्रीष्म के साथ ही शुभता और ऊर्जा की भी शुरूआत होती है। इस महीने से ज्योतिष का बहुत […]

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Hindu calendar
  • March 17, 2025 5:09 am IST, Updated 3 hours ago

भोपाल। भारतीय पंचांग का पहला महीना चैत्र होता है। चित्रा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसका नाम चैत्र रखा गया है। चैत्र माह से ही वसंत का समाप्ति होती है और ग्रीष्म का आरम्भ होता है। ग्रीष्म के साथ ही शुभता और ऊर्जा की भी शुरूआत होती है। इस महीने से ज्योतिष का बहुत गहरा संबंध होता है। इस बार चैत्र का महीना 15 मार्च यानी आज से शुरू हो रहा है। ये 12 अप्रैल तक रहेगा। आइए जानते है चैत्र माह की महिमा के बारे में।

इस महीने करें सूर्य देव की उपासना

इस महीने में सूर्य की उपासना की जाती है। इस माह में सूर्य देव की उपासना से आपको कई तरह के लाभ मिलते है। इस महीने में सफलता और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करना उत्तम होता है। शक्ति और ऊर्जा के लिए देवियों की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस महीने में लाल फलों का दान करने से आपको फायदा होगा। नियमित रूप में पेड़ पौधों में जल डालें। चैत्र के महीने की शुरूआत से अनाज खाना धीरे-धीरे कम कर देना चाहिए।

ग्रीष्म की शुरूआत में करें ये काम

ग्रीष्म के महीने में ज्यादा पानी पिएं। ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करें। ऐसा करने से आपको स्वास्थ्य और आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी। इस महीने में गुड़ से परहेज करना चाहिए। बल्कि इस महीने में चना का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। चैत्र में बासी भोजन नहीं खाना चाहिए। चैत्र में कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इसी महीने में पापमोचनी एकादशी भी मनाई जाती है। इस महीने होली के बाद से नवसंवत्सर का आरम्भ भी होता है। इसी महीने ही चैत्र नवरात्र की शुरूआत होती है।

चैत्र माह में पड़ने वाले त्योहार

इसी माह की नवमी तिथि को श्रीराम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस दिन तमाम धार्मिक कृत्य और दान जैसे कार्यों को करने की परंपरा है। चैत्र माह में17 मार्च 2025 यानी आज के दिन भालचद्र संकष्टी चतुर्थी है। वहीं 19 मार्च 2025 को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। 21 मार्च 2025 को शीतला सप्तमी पड़ेगी। 22 मार्च2025 को शीतला अष्टमी को मनाया जाएगा। 25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी मनाने की परंपरा है। 27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि दोनों ही पड़ेंगी। 29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या पड़ेगा। 30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि की पर्व मनाया जाएगा। 31 मार्च 2025 – गणगौर होगा। 06 अप्रैल 2025 – रामनवमी पड़ेगी। वहीं 12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती मनाई जाएगी।


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