भोपाल: पिछले दस दिन से राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य कर्मचारी धरने पर बैठे हैं । लेकिन आज तक प्रशासन की तरफ से कोई हाल-चाल जानने नहीं आया। आज तो स्वास्थ्य कर्मचारी अनोखे अंदाज में प्रदर्शन करते दिखें। स्वास्थ्य कर्मचारी खून से पत्र लिख कर अपनी मांग रखते हुए दिखे। पत्र में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लिखा […]
भोपाल: पिछले दस दिन से राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य कर्मचारी धरने पर बैठे हैं । लेकिन आज तक प्रशासन की तरफ से कोई हाल-चाल जानने नहीं आया। आज तो स्वास्थ्य कर्मचारी अनोखे अंदाज में प्रदर्शन करते दिखें। स्वास्थ्य कर्मचारी खून से पत्र लिख कर अपनी मांग रखते हुए दिखे। पत्र में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लिखा – मामा जी अपना संकल्प पूरा करो। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगो को नहीं माना जाएगा तब तक वो हड़ताल जारी रखेंगे।
स्वस्थ कर्मचारियों की मांग
स्वस्थ कर्मचारियों का कहना है कि 15 साल से उनको एक फिक्स तनख्वा ही मिल रही है। उसमे कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि काम रेगुलर कर्मचारी जितना ही कराया जाता है। सरकार हमारी मांगो पर ध्यान नहीं दे रही है। कर्मचारियों का कहना है कि न तो वेतन में कोई वृद्धि हो रही है और न ही नियमित किया जा रहा है। इसी कारण धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाएं हुई प्रभावित
संविदा कर्मचारियों के हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। लगभग 35 डिलीवरी केंद्र, 201 उप स्वास्थ्य केंद्र, पर जांच बन्द है। हड़ताल का असर राष्ट्रीय टीकाकरण योजना पर भी पड़ा है। पोर्टल अपडेट जैसे कार्य तो ठप पड़े हैं।