भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा का दौरा किया, जहां उन्होंने अपने फार्महाउस पर पहुंचकर खेती का जायजा लिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने फार्महाउस पर ड्रैगन फ्रूटऔर एवोकाडो के फल लगाए हैं। उन्होंने किसानों से इन फलों की खेती करने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने […]
भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा का दौरा किया, जहां उन्होंने अपने फार्महाउस पर पहुंचकर खेती का जायजा लिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने फार्महाउस पर ड्रैगन फ्रूटऔर एवोकाडो के फल लगाए हैं। उन्होंने किसानों से इन फलों की खेती करने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने किसान आईडी बनाने की भी अपील की है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज विदिशा में अपने फार्महाउस पर एक नए संकल्प के साथ आया हूं। हमारे देश में ड्रैगन फ्रूटऔर एवोकाडो जैसे फलों का लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का आयात कियाजाता है। यह पैसा हमारे किसानों की जेब में जा सकता है, यदि हम इन फसलों की खेती करें।” उन्होंने आगे लिखा, “बैंगलुरु स्थित ICAR-IIHR ने ड्रैगन फ्रूट, कटहल और एवोकाडो जैसी फसलों पर अनुसंधान किए हैं।
बैंगलोर में इसके प्रयोग सफल पाए गए, लेकिन अब जरूरत है कि देशभर में इन फसलों को उगाया जाए। इसी दिशा में, मैं स्वयं अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और जैक फ्रूट की खेती कर रहा हूं ताकि किसान देखें, समझें और इस दिशा में आगे बढ़ें। शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य एक्स पोस्ट में ये भी कहा, “हमारे देश में ड्रैगन फ्रूटऔर एवोकाडो जैसे फल लगभग 5 हजार करोड़ रुपये के आयात किए जाते हैं। हमें अपने किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है और इसलिए इनकी खेती करना भी शुरू करना है।”
हमारे देश में ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो जैसे फल हम लगभग 5 हजार करोड़ रुपये के इंपोर्ट करते हैं।
हमें अपने किसानों को देश में आत्मनिर्भर बनाना है और इसलिए इनकी खेती अभी यहां प्रारंभ हुई है, बैंगलौर में बहुत अच्छे प्रयोग हो रहे हैं, लेकिन बाकी जगह भी करनी है।
इसलिए मैंने भी तय किया… pic.twitter.com/XhvWcNCRrh
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) April 14, 2025
आज विदिशा में अपने खेत पर एक नए संकल्प के साथ आया हूं…
हमारे देश में ड्रैगन फ्रूट (कमलम), एवोकाडो जैसे फल हम लगभग 5 हज़ार करोड़ रुपये के आयात करते हैं। यह पैसा हमारे किसानों की जेब में जा सकता है, यदि हम इन फसलों की खेती अपने देश में ही करें।
बैंगलुरु स्थित ICAR-IIHR ने कमलम,… pic.twitter.com/VI7dYrlC7v
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 14, 2025