भोपाल। जीतू पटवारी, सन् 2018 के आसपास मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक नाम हुआ करता था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद सबसे ज्यादा चर्चा श्री जीतू पटवारी की होती थी। वे राहुल गांधी के बड़े नजदीकी नेता कहे जाते थे लेकिन अब जीतू पटवारी का डाउनफॉल चल रहा है। […]
भोपाल। जीतू पटवारी, सन् 2018 के आसपास मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक नाम हुआ करता था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद सबसे ज्यादा चर्चा श्री जीतू पटवारी की होती थी। वे राहुल गांधी के बड़े नजदीकी नेता कहे जाते थे लेकिन अब जीतू पटवारी का डाउनफॉल चल रहा है। कमलनाथ ने तो उन्हें काफी पहले किनारे कर दिया था, अब राहुल गांधी ने भी महत्व देना बंद कर दिया है। कांग्रेस पार्टी में जीतू पटवारी को स्टेट लेवल कैटेगरी से बाहर कर दिया गया है। अब वह राज्यस्तरीय नहीं बल्कि क्षेत्रीय नेता हैं।
जीतू पटवारी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव बनाया गया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी ने पूरे मध्यप्रदेश का दौरा किया था। इस दौरान जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो उच्च शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी दिया गया, लेकिन इसके बाद जीतू पटवारी की पॉलीटिकल लाइफ में कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई।
कहानी लंबी है लेकिन हाल ही में जीतू पटवारी के एक बयान और एक कार्यक्रम ने उन्हें अपनी ही कांग्रेस पार्टी में सीमित करके रख दिया। जीतू पटवारी ने एक ऐसा बयान दिया, जिसका तात्पर्य था कि वह सीधे हाईकमान से कनेक्ट है और कमलनाथ एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी उनके बारे में फैसला नहीं कर सकती। जब राहुल गांधी पदयात्रा करते हुए मध्यप्रदेश आए तो जीतू पटवारी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में बिल्कुल अलग तरीके का कार्यक्रम किया। उस समय तो कार्यक्रम बड़ा भव्य लगा लेकिन एक मैसेज देकर गया कि जीतू पटवारी मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी से अलग अपना एक नया अस्तित्व बना रहे हैं।