भोपाल। ‘जय श्रीराम’ का नारा आमतौर पर भगवा खेमे से जुड़ा है, लेकिन मंगलवार शाम मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में वही नारा गूंज उठा, जब बजरंग सेना ने सबसे पुरानी पार्टी के मुख्यालय पर पहुंचकर समर्थन देने की घोषणा की. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को समर्थन […]
भोपाल। ‘जय श्रीराम’ का नारा आमतौर पर भगवा खेमे से जुड़ा है, लेकिन मंगलवार शाम मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में वही नारा गूंज उठा, जब बजरंग सेना ने सबसे पुरानी पार्टी के मुख्यालय पर पहुंचकर समर्थन देने की घोषणा की. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को समर्थन देने के लिए ‘बजरंग सेना’ के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे.
बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा अपने समर्थकों सहित पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए. इस अवसर पर कमलनाथ ने ‘जय श्रीराम’ के साथ अपना भाषण शुरू किया. भगवान हनुमान का भक्त होने का दावा करने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि बजरंग सेना ने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है, इसका मतलब है कि वे सच्चाई का समर्थन कर रहे हैं.
कमलनाथ ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश भाजपा के तहत घोटालों का राज्य बन गया है. हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी है. राज्य के पूर्व मंत्री और पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी, जिन्होंने हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था, बजरंग सेना के नेताओं के साथ थे.
इस दौरान दीपक जोशी ने कहा कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने 15 महीने के कार्यकाल में गायों के संरक्षण के लिए बहुत काम किया है. जोशी ने कहा कि कमलनाथ ने अपने कई समकालीनों की तरह कभी भी धर्म पर राजनीति नहीं की. उन्होंने अपने गृह जिले छिंदवाड़ा में भगवान हनुमान का एक विशाल मंदिर बनवाया. जब मैंने इस बारे में बजरंग सेना के नेताओं से बात की, तो वे तुरंत कमलनाथ को अपना समर्थन देने के लिए तैयार हो गए.
बता दें कि सामाजिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने वाली बजरंग सेना का गठन 2013 में छतरपुर जिले में रणवीर पटेरिया ने किया था. पटेरिया ने कहा कि बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय नहीं हो रहा है. हमारे कुछ नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और उन्होंने बजरंग सेना से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस को हमारा मुद्दा आधारित समर्थन है.