Advertisement
  • होम
  • देश
  • Lateral Entry Controversy: लेटरल एंट्री की भर्ती होगी रद्द, विपक्ष ने साधा निशाना

Lateral Entry Controversy: लेटरल एंट्री की भर्ती होगी रद्द, विपक्ष ने साधा निशाना

भोपाल। लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को केंद्र सरकार रद्द कर सकती है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (यूपीएससी) को चिट्ठी लिखी है, जिसमें लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया है। जितेंद्र सिंह ने ये चिट्ठी […]

Advertisement
Lateral Entry Controversy
  • August 20, 2024 9:20 am IST, Updated 6 months ago

भोपाल। लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को केंद्र सरकार रद्द कर सकती है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (यूपीएससी) को चिट्ठी लिखी है, जिसमें लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया है। जितेंद्र सिंह ने ये चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के बाद लिखी है। लेटरल एंट्री से नियुक्तियों का विज्ञापन सामने आने के बाद से ही विपक्ष सरकार पर अपना निशाना साध रहे है।

63 पदों पर की गई भर्ती

यूपीएससी ने शनिवार को विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर 45 विशेष नियुक्त करने के लिए भर्ती निकाली थी। इन पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती की जानी थी। हालांकि इसे लेकर विपक्ष ने हंगाम खड़ा कर दिया और सरकार के इस कदम से आरक्षण छीनने की बात कही है। लेटरल एंट्री के माध्यम से होने वाली भर्तियों के जरिए प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी बिना मंत्रालयों के भी प्रमुख पदों पर काम करने का अवसर प्राप्त होता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 9 अगस्त, 2024 को राज्यसभा में बताया था कि पिछले 5 सालों में लेटरल एंट्री के माध्यम से 63 पदों पर भर्तियां की गई है।

कॉन्ट्रैक्ट आधारित भर्ती

इनमें अभी 57 अधिकारी अलग-अलग मंत्रालय और विभागो में निदेशक, संयुक्त सचिव, और उप-सचिव स्तर के पद पर कार्यरत है। लेटरल एंट्री के माध्यम से होने वाली भर्तियां कॉन्ट्रैक्ट आधारित होती हैं, जो दो से तीन साल की अवधि तक होती है। कुछ मामलों में नियुक्त होने वाले शख्स के प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट की अवधि बढ़ाया दिया जाता है।


Advertisement