भोपाल। सनी जन्म से ही दिव्यांग था। दिव्यांग होने के कारण उनके परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया। 7 साल की उम्र में आत्महत्या का विचार आने पर रेलवे प्लेटफॉर्म के नीचे मरने चला गया, जान तो बच गई लेकिन ट्रेन हादसे में एक पैर चला गया। अब मरने से भी डर लगने लगा तो […]
भोपाल। सनी जन्म से ही दिव्यांग था। दिव्यांग होने के कारण उनके परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया। 7 साल की उम्र में आत्महत्या का विचार आने पर रेलवे प्लेटफॉर्म के नीचे मरने चला गया, जान तो बच गई लेकिन ट्रेन हादसे में एक पैर चला गया। अब मरने से भी डर लगने लगा तो इंदौर के अन्नपूर्णा मंदिर के बाहर बैठकर कुछ मांग कर पेट भरने लगा।
इस दौरान उज्जैन के सेवाधाम आश्रम में किसी ने सनी की सूचना दी। सनी को आश्रम लाया गया। एक साल तक कटे हु्ए पैर का इलाज चला। सनी ने इस स्थिति से लड़ने के बारे में सोचा। उसने खुद को अपनाते हुए जीवन जीना शुरू किया। सनी ने शुरुआत में आश्रम के छोटे-मोटे काम किए और अपना गुजारा किया। दिव्यांग होने की वजह से काम करने में परेशानी भी आई लेकिन धीरे-धीरे खुद को दिमागी रूप से सक्षम बनाया। आज सनी 29 साल का है। पिछले 6 साल से वह सेवाधाम आश्रम की ऑटोमेटिक लॉन्ड्री का इंचार्ज है।
सनी की शादी हो गई है। उसकी शादी से दो बच्चे भी हैं। सनी एक गायक भी है। सनी ने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया लेकिन सनी कई बड़े कार्यक्रमों में अपनी गायकी दिखा चुका है। अब इंडियन आइडल के जरिए वह टीवी पर आना चाहता है। सनी ने बताया कि साल 2013 से गायकी शुरू की। भोपाल में राज्यपाल के सामने प्रस्तुति दी। राज्यपाल रामनरेश यादव ने गाना सुनकर घर में आमंत्रित किया। दिल्ली, बेंगलुरु और गोवा जैसे बड़े-बड़े शहरों में गायकी के लिए जा चुके हैं।
सनी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है। सनी कई भजन भी गाता है। इस पर सनी ने कहा कि वह सभी धर्मों को मानता है। मुझे भजन गाना बहुत पसंद है ,लेकिन मैं सबसे ज्यादा बजरंगबली के भजन गाता हूं। मेरा सपना है कि मैं एक दिन बड़ा स्टार बनूं। मुझे इंडियन आइडल पर गाना है और टीवी में दिखना है। सेवाधाम के संस्थापक सुधीर भाई ने बताया हमारे पास जब सनी आया था, तब उसका पहले पैर का इलाज करवाया। इसके बाद आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरे प्रयास किए। आज वह आश्रम का काम संभालने के साथ ही कई और काम करता है।