Pre Paid Electricity Meter: मध्य प्रदेश में अब प्री-पेड मीटर के जरिए बिजली की सुविधा मिली जाएगी।सबसे पहले सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे, जिसके बाद आम उपभोक्ताओं के मीटर भी बदले जाएंगे। उपभोक्ताओं को बैलेंस चेक करने की भी सुविधा होगी और हर दिन की बिजली खपत की जानकारी भी मिलेगी। मध्य प्रदेश […]
Pre Paid Electricity Meter: मध्य प्रदेश में अब प्री-पेड मीटर के जरिए बिजली की सुविधा मिली जाएगी।सबसे पहले सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे, जिसके बाद आम उपभोक्ताओं के मीटर भी बदले जाएंगे। उपभोक्ताओं को बैलेंस चेक करने की भी सुविधा होगी और हर दिन की बिजली खपत की जानकारी भी मिलेगी।
मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियां अब स्मार्ट मीटर के बाद अब प्री-पेड मीटर की सुविधा देने जा रही हैं। सबसे पहले कंपनियां सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर बदलने पर जोर दे रही हैं।
एक-दो माह में सबसे पहले सभी सरकारी कार्यालयों में लगे स्मार्ट मिटरो को प्री-पेड सुविधा में बदला जाएगा। इसके बाद आम उपभोक्ताओं के मीटर बदलने का काम शुरू किया जाएगा । इस मीटर में मोबाइल बैलेंस की तरह ही बिजली जलाने से पहले अग्रिम राशि से रिचार्ज करना होगा। हर दिन बिजली की खपत के साथ ही साथ बैलेंस भी कम होता जाएगा। उपभोक्ताओं को बैलेंस चेक करने की भी सुविधा मिलेगी।
दरअसल, बिजली कंपनियां फिलहाल स्मार्ट मीटर लगा रही हैं। प्रदेश के 21 जिलों में पूर्व वितरण कंपनी द्वारा 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। स्मार्ट मीटर को ही प्री-पेड में बदला जा सकता है। ऐसे में, योजना बहुत जल्द उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर को प्री-पेड मीटर में बदलने की है।
एक अधिकारी ने बताया है कि स्मार्ट मीटर का पूरा डेटा मीटर डेटा मैनेजमेंट सिस्टम (एमडीएम) में दर्ज होता है, जिसकी केंद्रीयकृत निगरानी की जाती है। बिजली कंपनी अब उपभोक्ताओं को यह सुविधा देना चाहती है कि वह मोबाइल की तरह ही प्री-पेड भुगतान कर बिजली का उपयोग कर पाये ।जबलपुर में घरेलू, गैरघरेलू, औद्यौगिक उपभोक्ताओं को चिह्नित कर उनके यहां स्मार्ट मीटर को ही प्री-पेड की तरह उपयोग कर आकलन किया जाएगा।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ऐसे 50 प्री-पेड मीटर उद्योग, गैरघरेलू और घरेलू उपभोक्ताओं के यहां लगाकर उनके परिणाम का आकलन शुरू कर दिया है। इसके परिणाम सकारात्मक मिल रहे हैं। एसएमएस और एप के जरिए से प्रतिदिन की बिलिंग की जारी हैं ।मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए उपभोक्ता को बकाया राशि की जानकारी भी मिल रही है।
पहले चरण में 21 हजार मीटर लगाने की तैयारी है। अधिकारियों ने बताया हैं कि संभाग स्तर से ब्लाक स्तर के सरकारी महकमें में यह मीटर को लगाया जाना है। सरकारी भवनों में मीटर लगाने के पीछे एक उद्देश्य जनता में भरोसा पैदा करना भी है कि यह मीटर उपयोगी है।
इसके अलावा बिजली कंपनी सरकारी विभाग खासतौर पर पुलिस स्टेशन, तहसील जैसे कार्यालय के बकाया बिल से परेशान है, उनकी वसूली में समय लगता है, जिस वजह से बिजली कंपनी को आर्थिक क्षति होती है ऐसे में कंपनी प्री पेड मीटर लगाकर पहले ही राशि लेना चाह रही है।