भोपाल: इंदौर नगर निगम कर्मचारियों पर हमले और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गंभीर घटना सामने आई है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम कर्मचारियों पर हमला किया है। नगर निगम की टीम अवैध तरीकें से कई जानवरों को पकड़कर दो गाड़ियों में भरकर ले जा रही थी. इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने […]
भोपाल: इंदौर नगर निगम कर्मचारियों पर हमले और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गंभीर घटना सामने आई है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम कर्मचारियों पर हमला किया है। नगर निगम की टीम अवैध तरीकें से कई जानवरों को पकड़कर दो गाड़ियों में भरकर ले जा रही थी. इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को बीच रास्ते में रोका और उन पर पत्थरों और लाठियों से जमकर हमला किया.
बता दें कि हमलावरों ने पुलिस के सामने ही गाड़ियों में तोड़फोड़ की और निगम कर्मचारियों से भी मारपीट की. इस हमले में निगम कर्मचारियों को चोटें आई हैं. पुलिस ने घटना स्थल पर स्थिति को नियंत्रित किया. नगर निगम उपायुक्त ने इस हमले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं.
दरअसल, इंदौर नगर निगम का मदाखलत अमला बुधवार सुबह जोन संख्या 14 के दत्त नगर और सूर्य देव नगर में बनी दो गौशालाओं में पहुंचा था. जहां से गायों को लादकर कांजी हाउस ले जाया जा रहा था। जब निगम का मदाखलत दस्ता गायों को ट्रकों में भरकर ले जा रहा था, तभी 300 से 400 बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने निगम की गाड़ियों को बीच रास्ते में रोक दिया और निगम की गाड़ियों पर लाठियों से हमला कर दिया. वाहनों में तोड़फोड़ की और निगम कर्मचारियों से मारपीट की। इसके बाद वे द्वारकापुरी थाने पहुंचे और हंगामा किया।
इस हंगामे के संबंध में निगम उपायुक्त लता अग्रवाल ने बताया कि निगम की टीम सुबह दत्त नगर और सूर्यदेव नगर में रहवासियों की शिकायत पर अवैध तबेलों पर कार्रवाई करने पहुंची थी. जहां बड़ी संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने निगम कर्मचारियों पर हमला कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ द्वारकापुरी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. निगम आयुक्त और मेयर की सलाह पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
वहीं कार्रवाई के बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने द्वारकापुरी थाने का घेराव किया और निगम उपायुक्त लता अग्रवाल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. कार्यकर्ता गाली-गलौज करने लगे। द्वारकापुरी थाने का पुलिस बल मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा. उपद्रवी कार्यकर्ताओं को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया. पुलिस के सामने ही उपद्रवी कर्मियों ने निगम कर्मी को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा.