भोपाल। महाकौशल अंचल में औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने के लिए रीजनल इंडस्ट्री का शुभारंभ किया गया था। शनिवार को जबलपुर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का दीप जलाकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका शुभारंभ किया। आयोजन में देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों और नामी कंपनियों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। कॉनक्लेव में भाग लेने के लिए ब्रिटेन, ताइवान समेत 5 देशों के प्रतिनिधि इस समारोह में आए। कान्क्लेव में जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर करने से करोड़ों रुपये के औद्योगिक समझौते की संभावना है।
निवेशकों के आगमन से समृद्धि के द्वार खुलेंगे
महाकौशल अंचल खनिज और वन संपदा से भरपूर है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अनुकूल परिस्थिति प्रदान करता है। महाकौशल अंचल रक्षा उत्पाद के निर्माण में प्रगतिशील है। वस्त्र एवं पर्यटन उद्योग को लेकर भी अंचल में अपार संभावनाएं है। इन समस्त क्षेत्रों में निवेश से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। बड़े निवेशकों के आगमन से समूचे महाकौशल में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 80 करोड़ रुपये की लागत से बने नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र का उद्घाटन किया । जिसके बाद मोहन यादव सरकार क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन का शुभारंभ भी करेंगे।
रोजगार के अवसर मिलेंगे
सम्मेलन में प्रमुख उद्योगपतियों, उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों समेत उद्योग जगत की 3500 से अधिक प्रमुख हस्तियां रीजनल इंडस्ट्री में शामिल होंगी। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने वाली हस्तियों में बैद्यनाथ समूह, आईटीसी, एसआरएफ, वोल्वो आयशर, बेस्ट कार्प एवं दावत जैसे प्रमुख औद्योगिक समूह में भाग लेंगे। औद्योगिक विकास से श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी। प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक विकसित क्षेत्र के रुप में नगर और अंचल एक नई पहचान बनकर उभरेगा।