भोपाल। मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है. इस बीच फसलों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है कि बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है. उन्हें टेंशन लेने की कोई जरुरत नहीं है. सरकार ने ऐलान किया है कि किसानों का चमकविहीन गेहूं भी […]
भोपाल। मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है. इस बीच फसलों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है कि बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है. उन्हें टेंशन लेने की कोई जरुरत नहीं है. सरकार ने ऐलान किया है कि किसानों का चमकविहीन गेहूं भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग ने शिवराज सरकार की मांग पर यह छूट दी है। हालांकि केंद्र की ओर से कहा गया कि चमकविहीन गेहूं का स्टॉक अलग से रखना पड़ेगा। अगर इस स्टॉक की गुणवत्ता खराब हुई तो उसका जिम्मा प्रदेश सरकार का होगा।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के बाद 10 प्रतिशत तक खराब हुई फसल को खरीदने का ऐलान किया है. लेकिन इससे पहले उपभोक्ता मामले व भारतीय खाद्य विभाग की टीम ने प्रदेश का दौरा कर फसल की स्थिति का जायजा लिया था. अफसरों ने देखा कि गेहूं की फसल की कुछ हद तक चमक उड़ गई है. मतलब यह कि थोड़ी दागी हो गई है, पर उपयोग में लाई जा सकती है. इसके बाद जांच दल ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी, जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया। केंद्र ने कहा कि किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए रबी विपणन सीजन 2023-2024 में एक अप्रैल से गेहूं की खरीदी में चमकविहीन गेहूं को भी शामिल करने की छूट दी जा रही है। साथ ही कहा गया कि बिना किसी मूल्य कटौती के 10% तक नुकसानी वाले गेहूं की खरीदारी करेगी। बाद में यह छूट 10 से 80 प्रतिशत तक कर दी जाएगी।
बता दें कि जब सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद विदिशा में खेत-खेत किसानों की फसल का जायजा लेने के लिए गए थे. तो उन्होंने वही से घोषणा कर दी थी कि जिन किसानों की फसल 50 प्रतिशत तक खराब हो गई है, उन्हें 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। पहले फेज में रतलाम, आगर मालवा, रायसेन, विदिशा, खरगोन, राजगढ़, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर और मुरैना शामिल है.