Thursday, November 21, 2024

युवाओं की सोच ने एमपी के इस गांव की बदली दशा, अनपढ़ किसान भी कमाते हैं रोजाना हजारों

भोपाल। एमपी के नक्शे पर स्वच्छता और नशामुक्त की अलख जगाकर अपनी अलग छाप छोड़ने वाला दमोह शहर स्मार्ट गांव पड़रिया थोवन अब रोजगार के क्षेत्र में भी नए अवसर तलाश रहा है.दरसअल, स्मार्ट गांव पड़रिया थोवन के लोगों का संकल्प है कि हर घर में स्वयं का रोजगार स्थापित हो, जिसके लिए गांव के पढ़े लिखे युवाओं से लेकर 40-45 वर्ग के मध्य आयु वाले लोगों ने भी पंरपरागत खेतीबाड़ी के अलावा साग, सब्जियों और बागवानी की फसल की बुआई शुरू कर दी है.

आधा एकड़ जमीन से हो रही हजारों रुपए की इनकम

स्मार्ट गांव के किसान कमल पटेल ने बताया कि वो कम पढ़े लिखे हैं, बावजूद इसके उन्होने करीब आधा एकड़ के खेत में करीब 8,000 रुपये के 500 भिंडी के बीज को क्यारियों में लगाया था. जिनकी समय समय पर बेहतर देखभाल दवाओं के छिड़काव और पानी की सिंचाई करने से भिंडी की बंफर पैदावार हुई है. हर दूसरे दिन करीब 2,000 रुपये की भिंडी बाजार में बिकती है. जिसे घर के हालात में सुधार आ रहा है।

7 हजार की दवा छिड़काव से 50 हजार का इनकम

दरसअल, भिंडी की फसल लेने के दौरान किसान कमल पटेल ने भिंडी में होने वाले रोगों को दूर करने के लिए 7,000 रुपये की कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया था। जिसके बाद से हर 15 दिनों में भिंडी की तुड़ाई शुरू कर दी. जिसे बाजार में बिक्री करने पर अबतक किसान करीब 50,000 रुपये की कमाई कर चुके हैं।

पढ़े लिखे युवा किसानों को देते हैं उन्नत खेती का संदेश

गांव की उन्नती करने के पीछे का एक कारण यह भी है कि हमारे गांव के युवा वर्ग की सोच सबका साथ सबका विकास है. इसीलिए कोई भी कम पढ़ा लिखा व्यक्ति ये नहीं सोचता की वो कम अक्लमंद है. बल्कि हर युवा बारी बारी सप्ताह में किसी 1 दिन खेत खलिहानों का निरीक्षण करते हैं. यदि फसल में किसी भी प्रकार का कीट या रोग उसे समझ में आता है, तो वो तत्काल हम लोगों को बता देंगे. फिर दवा का छिड़काव करने की नसीहत देते हैं. वहीं इससे गांव में ही कृषि सम्बंधी जानकारी मिल जाती है. जिससे फसलों उत्पादन में भी काफी वृद्धि हो रही है. मुनाफा भी अधिक हो रहा है.

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