भोपाल। मध्य प्रदेश में 4 अप्रैल को संविधान का संरक्षण और संविधानवाद का उत्थान विषय पर बैठक का आयोजन रवींद्र नाट्यगृह में किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, लोकसभा सांसद शशि थरुर और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा विचार रखे जाएंगे।
वरिष्ठ अभिभाषक अजय बागड़िया ने क्या कहा?
संगोष्ठी के आयोजक वरिष्ठ अभिभाषक अजय बागड़िया ने कहा कि वर्तमान समय में संविधान का संरक्षण बहुत बड़ा विषय है। बैठक में इसी विषय पर बातचीत की जाएगी। बागड़िया इससे पहले भी देश से जुड़े जरुरी विषयों पर बैठक का आयोजन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि गैर राजनीतिक मंच पर संविधान के संरक्षण से जुड़ा विषय इसलिए रखा गया है, क्योंकि समाज का बुदि्धजीवी वर्ग टैक्स, जनहित से जुड़े कामों से समाज को कुछ प्रदान करता है, पर फिलहाल प्रोफेशनल वर्ग का शोषण किया जा रहा है। हमें सरकार से जो संरक्षण मिलना चाहिए, वो नहीं मिल रहा है, इसलिए बैठक के जरिए इस वर्ग को जोड़ने की कोशिश की जा रही हैं।
संविधान के दुरुपयोग का जनता पर पड़ता है बुरा प्रभाव
बागड़िया ने कहा कि संविधान के गलग प्रयोग का प्रभाव शहर की जनता को सबसे ज्यादा झेलना पड़ता है. जो एजेंसियां सरकार के नियंत्रण में चल रही है, उनके जरिए ही सरकार को बदला जा रहा है. सत्तादल को इस विषय पर गहराई से सोचना होगा कि जो हम कर रहे हैं, वो शहर की जनता को मंजूर है या नहीं।
भारतीय संविधान
भारतीय संविधान, देश का सबसे बड़ा लिखित दस्तावेज है, जिसे संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 को पारित किया था. इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया। बता दें कि 26 नवम्बर को भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 है। भारत के संविधान को विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान माना जाता है। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के जनक हैं।