भोपाल। शासन स्तर पर 1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी केंद्रों में अमानक स्तर की धान मिली है, जिसका खुलासा भोपाल से आई सर्वे टीम ने किया है। जिसका आंकड़ा 35,000 क्विंटल पहुंच गया है। अब मामले की जांच के निर्देश अपर कलेक्टर साधना परस्ते ने दिए है। विभाग में मचा हड़कंप एमपी के […]
भोपाल। शासन स्तर पर 1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी केंद्रों में अमानक स्तर की धान मिली है, जिसका खुलासा भोपाल से आई सर्वे टीम ने किया है। जिसका आंकड़ा 35,000 क्विंटल पहुंच गया है। अब मामले की जांच के निर्देश अपर कलेक्टर साधना परस्ते ने दिए है।
एमपी के कटनी में विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से उपार्जन केन्द्रों में खरीदी प्रभारी और समिति प्रबंधकों ने बड़ी मात्रा में अमानक स्तर की धान खरीद डाली और उसे भंडारण के लिए वेयरहाउस भेजा गया। हालांकि पूरे मामले का भंडाफोड़ तब हुआ, जब भोपाल की सर्वे टीम लगातार 4 दिनों में अलग अलग तहसीलवार में बने वेयरहाउस के बाहर ही ट्रकों को रोककर धान की गुणवत्ता की जांच करते हुए उसे रिजेक्ट करार दे दिया। जिसके बाद से ही खरीदी में शामिल पूरे विभागों में हड़कंप मचा और आनन-फानन में जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर रिजेक्ट धान की जांच के लिए भेजा, जिसे उन्होंने भी घटिया किस्म की धान मिलने पर सैंपल फेल कर दिए।
इधर, एडीएम साधना परस्ते ने बताया कि धान की जांच के लिए जिला प्रशासन की टीम पिछले 16 दिसंबर से अलग अलग जा रही थी। वहीं 7 जनवरी को खुद एडीएम अन्य विभागीय अधिकारियों के दल बल के साथ पहुंची थी, जिन्होंने बड़ी मात्रा में अमानक स्तर की धान पकड़ी थी।
बता दें, भोपाल की सर्वे टीम आरबी एसोसिएट की जो 14 जनवरी से कटनी पहुंची और धान की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए करीब 35 हजार क्विंटल धान रिजेक्ट की है। हालांकि इसमें से अधिकांश धान को अपग्रेड कराया गया है, लेकिन रिजेक्ट हुई धान विजयराघवगढ़, बहोरीबंद, बड़वारा, उमरियापान सहित अन्य समितियों के अंदर आने वाले खरीदी केंद्रों की बताई गई है। इस पूरे मामले की जांच गठित टीम से करवाई जा रही है, जिसमें दोषियों के विरुद्ध विभागीय रूप से कार्रवाई की जाएगी।