Saturday, September 28, 2024

Ram Mandir Inauguration: दिग्विजय सिंह ने साझा की भगवान राम की तस्वीर, प्राण प्रतिष्ठा की मंगलकामना के साथ भाजपा को दिया ये मैसेज

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम के बाल स्वरुप सोशल मीडिया पर शेयर की है। बता दें दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के उन नेताओं में से एक है जिन्होंने अयोध्या में बने राम मंदिर की आलोचना की है।

बीजेपी को दिया मैसेज

कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ठीक पहले भगवान राम के बाल स्वरूप की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर देशवासियों को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की मंगलकामनाएं दीं। उन्होंने इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी को भी मैसेज दिया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार अब ये सुनिश्चित करेगी कि रामराज में किसी भी तरह की नफरत की कोई जगह न हो और सब मर्यादा में रहकर अपने धर्मों का पालन करें।

आशा है अब भाजपा सरकार सुनिश्चित करेगी…

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार रात ट्वीट करते हुए रामलला के बाल स्वरूप की तस्वीर शेयर की है, जिसपर लिखा है, ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो.’ इस फोटो के साथ किए गए ट्वीट के कैप्शन में दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘समस्त देशवासियों को अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में रामलला के विग्रह के प्रतिष्ठित होने की मंगलकामनाएं। आशा है बीजेपी सरकार अब ये सुनिश्चित करेगी कि रामराज में नफरत-हिंसा की कोई जगह नहीं होगी। सब प्रेम से मर्यादा में रहकर अपने धर्मों का पालन करे।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने खूब आलोचना की

बता दें दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के उन प्रमुख नेताओं में रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण कार्य का पूरा होने के पहले ही प्राण प्रतिष्ठा कराए जाने की खूब आलोचना की है। बीजेपी पर जमकर तंज कसा है इसके साथ ही उन्होंने इसको लेकर उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के तर्क का भी खूब जिक्र किया।

दिग्विजय ने था ये सवाल

दिग्विजय सिंह रामलला की मूर्ति को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि रामलला की वो मर्ति कहां है, जिसे रखे जाने पर विध्वंस हुआ और विवाद हुआ था। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के सुझाव का जिक्र करते हुए भी कहा था, ‘मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप हो कर मां कौशल्या की गोद में होनी चाहिए, लेकिन जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है वह तो बाल स्वरूप की नजर ही नहीं आ रही है।

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