Sunday, November 3, 2024

मध्य प्रदेश: पेपर लीक मामले में 4 लोग गिरफ्तार, पुलिस ने विद्यार्थियों के लिए जारी की एडवाइजरी

भोपाल। मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में पुलिस ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए 5 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इसमें राजधानी भोपाल के एक परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक सम्मिलित है, इन पर पेपर लीक करने के आरोप लगे है। जबकि बी.कॉम का एक विद्यार्थी सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में पकड़ा गया है।

मामले में कितने लोग हुए गिरफ्तार?

बता दें कि शनिवार को छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस के पेपर लीक के आरोप में भानपुर क्षेत्र के विद्यासागर स्कूल केंद्र से 4 टीचर्स को गिरफ्तार किया गया है। इसमें केंद्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल और पर्यवेक्षक पवनसिंह व विश्वनाथ सिंह सम्मिलित हैं। पर्यवेक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह कोचिंग सेंटर चलाते हैं। यहां पढ़ने वाले अपने विद्यार्थियों को अच्छे नंबर से पास कराने के लिए वह परीक्षा से लगभग आधा घंटा पहले पेपर वाट्सऐप ग्रुप पर सेंड कर देते हैं। ताकि छात्र पेपर को पढ़कर उसके उत्तर को अच्छे से रट लें। जिससे विद्यार्थियों को अच्छे नंबर लाने में सफलता मिल सकें और उनकी कोचिंग का नाम प्रसिद्ध हो जाए।

पेपर दिलवाने के नाम पर स्टूडेंट्स से ऐंठे इतने रुपए

क्राइम ब्रांच ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर सोशल मीडिया के माध्यम से बेचने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने शनिवार को रायसेन के मंडीदीप से एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप्स में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार विद्यार्थी मिले हैं। शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने अकेले 600 स्टूडेंट्स से लगभग साढ़े 3 लाख रुपए पेपर देने के नाम पर ऐंठ लिए हैं।

डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने क्या बताया?

डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि मंडीदीप, रायसेन निवासी कौशिक दुबे के पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह B.Com थर्ड ईयर का स्टूडेंट्स है। आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड एग्जाम पेपर का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए में विद्यार्थी को बेच दिया। आरोपी के पास से 1 बैंक खाता बुक, मोबाइल और 2 सिमकार्ड पाए गए हैं।

स्टूडेंट्स के लिए जारी हुई एडवाइजरी

परीक्षा से पहले किसी भी व्यक्ति से पेपर लेने के लालच में न आएं।

किसी भी व्यक्ति को परीक्षा के प्रश्न पत्र के एवज में पैसे न दें।

असामाजिक तत्व पैसे कमाने के लिए डमी पेपर की बिक्री कर रहे हैं।

पेपर असली लगे, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मण्डल के मोनो का उपयोग किया जाता हैं।

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