Saturday, September 28, 2024

Ujjain News: उज्जैन में चाइनीज मांझा पर रोक, महाकाल पुलिस ने छतों पर ड्रोन कैमरे से की निगरानी

भोपाल। मकर संक्राति को लेकर देश भर में धूम है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने अनाउंसमेंट कर पतंग उड़ाने वाले बच्चों को समझाइश भी दी है। चाइना डोर से 2022 में 11वीं की छात्रा की हो गई थी मौत जिसके बाद पतंग उड़ाने वाले मांझे पर खख्ती की गई है। महाकाल थाना पुलिस ने शुक्रवार को पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाली चाइना डोर को लेकर छतों पर जांच की।

चाइना डोर पर सख्ती

महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा, ASI चंद्रभान सिंह व टीम ने महाकाल, बेगमबाग, हरिफाटक, तोपखाना सहित आसपास के क्षेत्रों की छतों पर भी जाकर जांच की। बच्चों को समझाइश दी कि चाइना डोर का उपयोग ना करें। बता दें कि 15 जनवरी 2022 को जीरो पाइंट पुल पर दोपहिया वाहन से गुजर रही 11वीं कक्षा की छात्रा नेहा आंजना की चाइना डोर से गला कटने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद से ही लगातार सख्ती बरती जा रही है। बता दें, पूर्व में ऐसी कई लोगो को मांझा ने मौत के घाट उतार दिया है।

क्या होता है चाइनीज मांझा या किलर मांझा ?

भारत में चाइनीज मांझे को किलर मांझा भी लोग कहते हैं क्योंकि एक बार ये किसी के गर्दन या पक्षी के पंखों पर लग जाये तो काट देता है। चीनी मांझे में कई धातुओं और 5 तरह के केमिकल का प्रयोग होता है। चाइनीज मांझे को नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। नायलॉन के धागे पर कांच और लोहे को पीस कर नायलॉन के धागे पर पॉलिश (धार) लगाई जाती है। चाइनजी मांझा (धागा) प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है। इसे खींचते हैं तो टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना मुश्किल होता है। इसीलिए पतंग उड़ने वाले बच्चे या लोग इसे पसंद करते हैं। वहीं कल तक ये मांझा चाइना से आया करता था। जबकि अब ये मांझा भारत में भी बनने लगा है। चाइनीज मांझा के गले में फसने के कारण कई लोगों की मौत हो गई है।

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