भोपाल। एमपी में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को समाप्त हो चुके हैं। अब सभी को इसके परिणाम का इंतजार है। वहीं दूसरी तरफ एमपी के कई अधिकारियों की नींद हराम हो गई है। दरअसल सरकार बीजेपी की बने या कांग्रेस की कई अधिकारियों और अफसरो की शिकायत बीजेपी और कांग्रेस दोनो पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग से की है।
बीजेपी ने की 4 कलेक्टर की शिकायत
मध्य प्रदेश में वोटिंग के बाद शिकायतों का सिलसिला शुरू हो चला है। दोनो ही पार्टिंयो ने अफसरो की शिकायत चुनाव आयोग से की है। बीजेपी और उनके नेता पूरे चुनावी माहौल में प्रशासनिक अमले पर भेद-भाव करने का आरोप लगा रहे हैं, भले ही इस समय उनकी सरकार प्रदेश में है लेकिन फिर भी 4 जिलों के कलेक्टरों की शिकायत दर्ज कराई गई है। इनमें छतरपुर, रतलाम, भिंड कलेक्टर,नरसिंपुर की शिकायत दर्ज कराई है। इसके अलावा निवाड़ी एसपी अंकित जायसवाल की भी शिकायत की गई है. बीजेपी ने इन पर आरोप लगाया है कि ये सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लोगों पर ही कार्रवाई करते हैं। इन अफसरों को मतगणना से पहले हटाए जाने की मांग की गई है।
कांग्रेस ने की शिकायत
बुंदेलखंड अंचल और सागर जिला बीजेपी का गढ़ माना जाता है यही कारण है कि यहां कांग्रेस हमेशा से प्रशासन पर दोयम कार्रवाई के आरोप लगाती रहती है । कांग्रेस ने यहां के कलेक्टर दीपक आर्या की शिकायत चुनाव आयोग से की है. इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने अशोकनगर कलेक्टर और मुरैना एसपी की भी शिकायत की है। मतलब साफ है परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए या फिर कांग्रेस के पक्ष में आए अफसरों पर गाज गिरना तय है। गौरतलब है, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, 3 दिसंबर के बाद अधिकारियों को देख लूंगा।