भोपाल। पूरे देश में इस समय लोकआस्था का महापर्व छठ धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हुई थी। छठ पर्व आज (20 नवंबर) को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ संपन्न हुआ। रविवार को छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ के लिए 36 घंटे के बाद कठिन उपवास खोला गया। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ-साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
यहां- यहां बने घाट
छठ पर्व के लिए जगह-जगह घाट तैयार किए गए थे। यहां सुबह ठंड में छठ व्रत धारियों का उत्साह देखते ही बना। व्रत रखने वालों ने अपने परिवार के साथ पवित्र जल में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। शहर के पांच नंबर स्टाप तालाब, बागमुगलिया, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यू जेल रोड, भेल बरखेड़ा पठानी, पिपलानी सी-सेक्टर, शाहपुरा झील, मां शीतला माता घाट फायर ब्रिगेड के पीछे, बेटागांव घाट, संत हिरदाराम नगर आदि स्थानों पर सामूहिक पूजन का आयोजन हुआ।
प्रसाद का वितरण शुरु
बता दें, छठ पर्व के पहले से ही लोकगीत सुनाई देने लगते हैं। पहिले पहिले छठी मैया, बहंगी लचकत जाय, सुग्गवा गिरय मुरझाय, वरत कैलू तोहार जैसे मधुरिम लोकगीत सुनाई दिए। सूर्य भगवान को बांस के बने सूप में ठेकुआ, गन्ना, संतरा, सेव, मूली, केला, सुथनी, हल्दी, नारियल, पुआ, लडुआ जैसे प्रकृति प्रदत्त अनाजों को पूर्ण पवित्रता के साथ प्रसाद रूप में बांटने का सिलसिला शुरू हो गया हैं। बता दें, पूजा के बाद भोजपुरी समाज के लोगों ने तत्काल स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई की।