भोपाल. मध्यप्रदेश में गणेश चतुर्थी के मौके पर कांग्रेस ने जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत की. जो प्रदेश में सात अलग-अलग स्थानों से निकाली गई. वहीं श्योपुर में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा के शुभारंभ में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, विधायक लक्ष्मण सिंह सहित कांग्रेस सचिव शामिल हुए.
कांग्रेस की सरकार बनने का दावा
बता दें कि श्योपुर में जन आक्रोश रैली का श्री गणेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, विधायक लक्षण सिंह सहित, एआईसीसी के सचिव शिव भाटिया ने पूजा अर्चना करने के साथ किया. जन आक्रोश रैली में आए कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश में इस बार कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया और चुनाव में इस बार ग्वालियर चंबल में बीजेपी के साफ होने की बात कही.
श्योपुर से चुनावी शंखनाद का आगाज
कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल में चुनावी शंखनाद का आगाज श्योपुर से करते हुए अपनी जन आक्रोश रैली की शुरुआत की. इसी के साथ गोविंद सिंह ने SP और कलेक्टरों को चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही ईमान बेचकर शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश को लुटने वाले बेईमान अफसरों की काली कमाई की जांच होंगी और उन्हें बताया भी जाएगा की जनता के सेवक कैसे नौकरी करते हैं.
कांग्रेस ने किया 140 सीटों का दावा
तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इस बार जनता के मन में कांग्रेस है और कांग्रेस की सरकार पूरे बहुमत से बनेगी. लक्ष्मण सिंह ने सरकारी इंतजाम से हो रही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपनी यात्रा पर जनता के पैसों को लुटा रही है. इसके अलावा इस बार सिंधिया के बीजेपी में होने को लेकर पूछे गए सवाल पर छोटे राजा ने ग्वालियर के महाराज पर निशाना साधते हुए कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में लोगों ने कांग्रेस पार्टी को वोट किया. कार्यकर्ताओ की मेहनत से दोनों संभाग में कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिली. लक्ष्मण सिंह ने दावा किया कि इस बार कांग्रेस को 140 सीटे मिलेंगी.
ग्वालियर चंबल की 34 सीटों पर पार्टियों की नजर
आपको बता दें कि भले ही मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ हो पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी चुनावी चौसर बैठानी शुरू कर दी है. ग्वालियर चंबल की 34 सीटों को लेकर दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का गणित बैठाने में लगे है. कांग्रेस महाराज को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश में जुटी है तो वहीं महाराज कांग्रेस के राजा साहब को चुनावी मैदान में शिकस्त देने के लिए खड़े है. ये देखना होगा कि ऐसे में अब जनता किस राजा और महाराज के साथ खड़ी होंगी.