आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी से पहले ये सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद संसद भवन के रूप में इसे पहचान मिली. ये सही है, इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था. लेकिन ये बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी हमारे देश के लगे थे.
पीएम ने आखिरी संबोधन में कही ये बात
पुराने सदन में पीएम मोदी ने अपने आखिरी संबोधन में कहा कि इसी सदन ने इमरजेंसी को देखा. वन नेशन वन टैक्स का फैसला इसी सदन ने किया. गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला इसी सदन में हुआ. यही सदन है जहां एक वोट से अटल जी की सरकार गिर गई थी. तीन राज्यों का गठन इसी सदन में हुआ.
संसद पर आतंकी हमले को किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनगिनत लोगों ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपना योगदान दिया. लोकतंत्र के इस सदन में आतंकी हमला भी हुआ. ये हमला संसद पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर था. देश इसे कभी नहीं भूल सकता. आतंकियों से लड़ते-लड़ते जिन्होंने सदन को गोलियों से बचाया मैं उनको भी नमन करता हूं.
पीएम- चारो तरफ भारत की चर्चा
संसद के विशेष सत्र की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चारों तरफ भारत की चर्चा हो रही है. चंद्रयान-3 की सफलता से पूरा देश अभिभूत है. इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप विज्ञान से जुड़ा है. हमारे वैज्ञानिकों के सामर्थ्य से जुड़ा है. ये देश और दुनिया में नया प्रभाव डालेगा.