भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी पूरी ताकत इन चुनावों में झोंक रही हैं. कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भलें ही जारी न की हो, लेकिन चुनावी घोषणाएं करना शुरू कर दी हैं. मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर 6 वादों को पूरा करने का ऐलान किया है. कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए 6 घोषणाओं के बारे में जानकारी दी है, जिनमें किसान कर्जमाफी और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे शामिल हैं.
ये हैं कांग्रेस के 6 वादे
चुनावी साल में राजनीतिक दल योजनाओं और घोषणाओं की झड़ी लगाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए मिनी घोषणा पत्र जारी किया है. दरअसल कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है, जिसमें मध्य प्रदेश की जनता से 6 वादे किए गए हैं. इनमें 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने, हर महिला को 1500 रुपये प्रति महीने की सम्मान राशि देने, 100 यूनिट बिजली माफ और 200 यूनिट बिजली हाफ करने, किसानों का कर्ज माफ करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और जातिगत जनगणना कराने का ऐलान किया गया है.
इसलिए उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा
अब सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में चुनावी वादों में जातिगत जनगणना को शामिल क्यों किया है? तो चलिए अब इस पर बात करते हैं. बता दें कि कांग्रेस लंबे समय से जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाती रही है. तर्क ये है कि जातिगत जनगणना कराने से ओबीसी आरक्षण की तस्वीर क्लीयर हो पाएगी. मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग बड़ा वोटर है, ऐसे में कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया जा रहा है.
पार्टियों की योजनाओं में समानताएं
वहीं कांग्रेस और बीजेपी प्रदेश की जनता से नए-नए वादे कर रहे हैं, लेकिन दोनों की योजनाओं में काफी समानताएं हैं. जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के जरिए महिलाओं को हर महीने राशि देने का ऐलान किया है, वहीं कमलनाथ ने भी महिला सम्मान निधि योजना की घोषणा की है. कमलनाथ ने जहां महिलाओं को 500 रुपये में सिलेंडर देने का वादा किया तो शिवराज सरकार ने भी अब 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है. बिजली बिल को लेकर भी दोनों पार्टियों ने अलग-अलग रियायतें देने के ऐलान किए हैं.