भोपाल. भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए चुनावी शंखनाद किया है, लेकिन इसी के साथ विरोध के सुर भी उभरने लगे हैं. बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अब अगर उन्हें निमंत्रण दिया भी जाता है तो वे नहीं जाएंगी. उमा भारती ने एक के बाद एक ट्वीट कर पार्टी पर गुस्सा निकाला. वहीं शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया.
उमा- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
उमा भारती ने कहा कि ‘मुझे भाजपा की यात्रा में नहीं बुलाया गया, लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. सरकार बनने के बाद भी और 2020 में भी मुझे कोरोना हुए 11 दिन नहीं हुए थे और भाजपा मिन्नतें कर रही थी कि आ जाइए प्रचार के लिए, हमने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और 22 पर जीत हासिल हुई थी और मैंने कसके चुनाव प्रचार किया था.’
सिंधिया पर भी बोला हमला
वहीं जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाए जाने पर उमा भारती का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि ‘अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें सरकार बनाने में मदद की, तो मैंने भी उन्हें बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने में मदद की. उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला. उमा भारती ने कहा कि “मैं सिंधिया को भतीजे के रूप में प्यार करती हूं, लेकिन कम से कम मैं यात्रा के शुभारंभ पर आमंत्रित किए जाने के योग्य थी, भले ही मैं वहां नहीं जाती, लेकिन मैं फिर भी भाजपा के लिए प्रचार करूंगी और वोट मांगूंगी. पार्टी आगामी चुनाव में जीत हासिल करेगी.’
उमा भारती ने किया ट्वीट
उमा भारती ने जन आशीर्वाद यात्रा पर ट्वीट कर लिखा कि मुझे जन आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत में निमंत्रण नहीं मिला. यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है, लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती. हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊंगी, ना प्रारंभ में और ना ही 25 सितंबर के समापन समारोह में. हालांकि एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि मेरे मन में शिवराज जी के प्रति सम्मान और उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मज़बूत है. शिवराज जी जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे, मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं. उमा भारती ने आगे कहा कि वो घबराते है कि मैं पहुंच जाउंगी तो सारा ध्यान मेरी तरफ चला जाएगा. मुझे नहीं जाना था, कम से कम निमंत्रण देने की औपचारिकता पूरी करनी चाहिए थी.’उमा भारती ने ट्वीट के जरिए अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है मैं उन लोगों में से हूं.