Friday, November 8, 2024

MP Weather: एमपी में बारिश न होने से परेशान लोग, राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की उठी मांग

भोपाल. मध्य प्रदेश में कम बारिश की वजह से बिजली की मांग में जबरदस्त तेजी आई है. तापमान में सामान्य से 5 डिग्री से अधिक का इजाफा होने के बाद बिजली की मांग 13500 मेगावाट पहुंच गई है. बीते साल इस समय बिजली की डिमांड 9 से 10,000 मेगावाट के आसपास थी. प्रदेश के बांधों में पानी नहीं भरने के कारण पावर प्लांट भी बंद पड़े हैं. धान का रकबा बढ़ाने के कारण बिजली की मांग अधिक है. 13500 मेगावाट बिजली की मांग के बीच इसके उत्पादन और आपूर्ति में 300 मेगावाट की कमी है. इस वजह से अब ग्रामीण इलाकों में 3 घंटे बिजली कटौती के आदेश जारी किए गए हैं. गांवों में 10 घंटे की जगह 7 घंटे बिजली सप्लाई की जाएगी. प्रशासन ने इसका शेड्यूल जारी कर दिया है.

सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की तीन इकाइयां बंद

बता दें कि प्रदेश के सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की तीन इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद हैं. इसके कारण भी उत्पादन पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रहा है. सरदार सरोवर इंदिरा सागर समेत दूसरे पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रहे हैं. लेकिन, लगातार बढ़ रही बिजली की डिमांड और उत्पादन में आ रही कमी के कारण मांग आपूर्ति में अब अंतर आने लगा है.

प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने की उठी मांग

प्रदेश के कई इलाकों से अब राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की जा रही है. पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने राज्य सरकार से मांग की है कि खरगोन सहित पूरे प्रदेश को सुखाग्रस्त घोषित किया जाए. कम बारिश के कारण हालात बिगड़ रहे हैं. अगस्त में बारिश नहीं होने और सितंबर में मौसम विभाग का कोई अनुमान जारी नहीं होने से सूखे के हालत और बदतर होने की आशंका है.

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