Thursday, November 21, 2024

MP News: लुटेरी दुल्हनों का हुआ भंडाफोड़, दूल्हे ने पकड़ा रंगे हाथ

भोपाल. लुटेरी दुल्हनों के गैंग द्वारा ठगी की वारदातें कई बार सामने आयी हैं. अक्सर ये दुल्हनें दूल्हे को अपने जाल में फंसाकर लूट की वारदात को अंजाम देती हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है. लूट के बाद भागने वाली दुल्हन को दूल्हे ने पकड़ा है. लुटेरी दुल्हन और गैंग ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं. सामने आया है कि ये गैंग किस तरह से लोगों को जाल में फंसाती थी और कैसे वारदात को अंजाम देती थी?

ये युवक बनते थे शिकार

जानकारी के अनुसार ये गैंग ऐसे परिवारों को अपना निशाना बनाती थी, जिनके यहां युवकों की लंबे समय से शादी नहीं हो पा रही हो. उनसे वे पैसों की मांग करते, पैसा मिलने के बाद ये दुल्हन गहने और नकदी लेकर फरार हो जाती थी. ये गैंग लड़कियों को बेंचने और ठगने का काम करता है.

ये है पूरा मामला

खंडवा के जामलीकलां गांव का रहने वाला शिवा औरंगाबाद की कमला नामक युवती के साथ कोर्ट में शादी करने के लिए अपने परिजनों के साथ पहुंचा था. इसी दौरान बहाना बनाकर दुल्हन कमला वहां से भाग खड़ी हुई. जब दूल्हे को उसके भागने का एहसास हुआ तो उसने उसके पिता लिम्बा को बताया तो उन्होंने एक ऑटो रिक्शा का पीछा करते हुए ठगोरी दुल्हन और उसके साथियों को पकड़ लिया और उन्हें लेकर सीधे सिटी कोतवाली थाने पहुंच गए. दूल्हा और उसके परिजनों ने पुलिस को विस्तार से घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और अपने साथ हुई ठगी को लेकर दुल्हन कमला और उसके साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया.

इतने रूपयों में तय हुई थी शादी

दूल्हा शिवा की शादी के लिए पिता लिंबा ने कुछ लोगों से संपर्क किया था. हरसूद के खेड़ी के रहने वाले लोगों ने कहा कि 50 हजार रुपये दे दोगे तो तुम्हारे लड़के की शादी करवा देंगे. इसके बाद शादी तय हुई. दुल्हन और उसके साथी शादी के लिए कोर्ट पहुंचे. लेकिन जब दूल्हे के परिजन कोर्ट से स्टांप पेपर लेने गए तो उसी समय दुल्हन के साथी संतोष और उसका लड़का धनराज ये पैसे लेकर और बहाना करके निकल गए थे. इस बीच दुल्हन कमला भी चकमा देकर भाग गयी. कोतवाली टीआई बलराम सिंह राठौर ने बताया कि फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों पर धारा 420, 406, 34 में अपराध दर्ज कर लिया गया है.

गैंग ठगी करने में एक्टिव

ये गिरोह लड़कियां बेंचने और ठगी करने में सक्रिय है. हरसूद के खेड़ी गांव का संतोष और उसका लड़का धनराज ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाते, जिनके परिवारों में लड़कों की शादी में विलम्ब हो रहा है. उन्हें ये महाराष्ट्र से लड़कियां लाकर देने की बात करते और खर्चे-पानी के नाम पर पचास हजार रूपये तक वसूल लेते. लड़कियां यहां आकर एक-दो दिन रहतीं, फिर चकमा देकर फरार हो जाती. इसके बाद इन्हीं लड़कियों को लेकर वो दूसरे शिकार की तलाश में जुट जाते. इस तरह का शिकार खंडवा के ग्राम जामली के लिम्बा भी बने. उनसे इन्हीं दलालों ने पहले भी शादी कराने के नाम पर ठगी की थी और दूसरी बार फिर वो उनके जाल में फंस गए. इस बार लिम्बा थोड़े सतर्क थे, इसलिए लुटेरी दुल्हन के फरार होते ही उन्होंने उसे पकड़ लिया.

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