भोपाल. मध्य प्रदेश में एक हफ्ते से थमी बारिश का सिलसिला अभी भी कमजोर है। यही कारण है कि 12 अगस्त की स्थिति में प्रदेश में औसत से भी कम बारिश हुई है। मानसून की सक्रियता के अभाव में मध्य प्रदेश में सिर्फ कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो रही है, जबकि ज्यादातर स्थानों पर मौसम शुष्क बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार शनिवार को इंदौर, उज्जैन संभागों के ज़िलों में कुछ स्थानों पर, भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा एवं सागर संभागों के ज़िलों में कहीं-कहीं बारिश हुई.
शनिवार को इतनी हुई बारिश
शनिवार सुबह 8:30 से शाम के 5:30 बजे तक बालाघाट के मलाजखंड में 3 मिलीमीटर, बैतूल में दो, उज्जैन में दो, धार में एक, इंदौर में 0.1 मिमी बारिश हुई। वहीं भोपाल और नर्मदा पुरम जिले के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी हुई है। बाकी संभागों के ज़िलों में मौसम शुष्क बना रहा। बता दें कि 1 जून से 12 अगस्त तक प्रदेश में औसत से 1 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 2 प्रतिशत अधिक और पश्चिमी प्रदेश में औसत से 3 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
आज इन जिलों में बारिश की संभावना
बता दें कि बीते 24 घंटे के दौरान देवास के खातेगांव में सबसे अधिक 31 मिलीमीटर और झाबुआ के मेघनगर में 25 मिमी बारिश दर्ज़ की गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने रविवार यानी आज भी झाबुआ, धार, अलीराजपुर और बड़वानी ज़िलों के कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना जताई है। वहीं भोपाल, उज्जैन, नर्मदापुरम, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभागों के ज़िले, इंदौर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, पन्ना , सागर और दमोह ज़िलों में कहीं-कहीं बारिश की संभावना है। बाकी ज़िलों में मौसम शुष्क बने रहने की आशंका है.
मानसून के ब्रेक ने बढ़ाई किसानों की चिंता
प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश न होने की वजह से उमस बढ़ गई है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के साथ ही खेतों में नमी तेजी से कम हो रही है। जमीन में सूखापन नजर आने लगा है। इस कारण किसानों के माथों पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। सोयाबीन, मक्का, धान जैसी फसलों के लिए यह खतरे का मौसम है। इन सभी के लिए पानी की बहुत जरूरत है। उधर, मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि सोमवार मंगलवार से प्रदेश में एक बार फिर झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है