भोपाल. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में सालों बाद शुरू हुए चीता प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगता प्रतीत हो रहा है. यहां पर एक के बाद एक लगातार 8 चीतों की मौत हो चुकी है. इसमें पांच चीते और 3 शावक शामिल हैं. चीतों को नामीबिया और अफ्रीका से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो में बसाए गए चीतों को धीरे-धीरे खुले में भी छोड़ा गया, लेकिन चीतों की मौत ने पीएम चीता प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका दिया है. बीते हफ्ते भर में दो चीतों की मौत हो गई है. इसके बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जसबीर सिंह चौहान पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया है.
अब तक इन चीतों की हो चुकी मौत
अब तक 5 वयस्क चीता और 3 शावक मौत का शिकार हो गए हैं. कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते भारत लाए गए थे, जिनमें से नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावको को भी जन्म दिया था, लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत पहली मौत 26 मार्च 2023 को नामीबियाई मादा चीता साशा की मौत किडनी संक्रमण के कारण हो गई थी. वहीं, नर चीता उदय की मौत 23 अप्रैल 2023 को कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के दौरान हो गई थी, इसके बाद दक्षा की मौत 9 मई 2023 को नर चीतों के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी.
बीते दिन इन चीतों की हुई थी मौत
इसके साथ ही नामीबियाई मादा चीता ज्वाला के 4 शावको में से एक की मौत 23 मई को जबकि तीन में से दो की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन से हो गई थी. बीते मंगलवार 11 जुलाई को चीता तेजस और इसके चार दिन बाद 15 जुलाई को एक और चीते की मौत हो गई, जिसके एक दिन बाद हुए पोस्टमार्टम में सामने आया कि तेजस पहले से बीमार था. उसके फेफड़ों और गुर्दे में संक्रमण पाया गया है. यही वजह है कि मादा चीता सवाना के साथ मेटिंग के दौरान हुई हिंसक इंट्रक्शन के बीच उसकी बीमारी से वह मादा से कमजोर रहा और जख्मी होने से उसकी मौत हो गई.