Monday, October 21, 2024

MP News: एमपी पटवारी भर्ती घोटाले पर बढ़ रहा विरोध, BJP विधायक का बताया जा रहा कनेक्शन !

भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार पर पटवारी भर्ती घोटाले के आरोप लग रहे हैं. कांग्रेस नेता अरुण यादव के बाद अब विपक्ष कांग्रेस ने पूरी तरह से बीजेपी सरकार पर पटवारी भर्ती घोटाले को लेकर हमला बोल दिया है. पटवारी भर्ती परीक्षा के जिस केंद्र की बात हो रही है, उसके तार बीजेपी विधायक संजीव कुशवाह से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाले 10 छात्रों में से 7 ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से आए हैं, जिसके मालिक भिंड के विधायक संजीव कुशवाह हैं.

कॉलेज के मेन गेट पर साइन बोर्ड भी नहीं

पटवारी भर्ती परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल यानी ESB ने आयोजित की थी. भर्ती घोटाले के आरोप के बाद वार-पलटवार का सिलसिला भी शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इलाके के गेट पर कॉलेज का कोई नाम निशान नहीं है. आसपास सिर्फ खेत ही खेत हैं. इसके अलावा NRI कॉलेज से थोड़ी दूर कॉलेज के कुछ साइन बोर्ड जरूर दिखे, लेकिन उनकी हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी. NRI कॉलेज का मेन गेट, जिस पर कोई साइनबोर्ड भी नहीं हैं.

कमलनाथ ने साधा निशाना

वहीं इस मामले को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि ‘प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के समाचार सामने आ रहे हैं. कई टॉपर एक ही सेंटर पर परीक्षा देकर सफल हुए बताए जा रहे हैं. एक बार फिर फर्जीवाड़े के तार बीजेपी से जुड़े दिख रहे हैं. व्यापाम, नर्सिंग, आरक्षक भर्ती, कृषि विस्तार अधिकारी और ऐसी ही कितनी ही भर्ती परीक्षाओं ने अंत में घोटाले का रूप लिया है. नौकरी देने के नाम पर भर्ती घोटाला करना शिवराज जी की सरकार का चरित्र बन गया है. इनसे तो जांच की मांग करना भी बेकार है, क्योंकि हमेशा बड़ी मछलियों को बचा लिया जाता है. मेरी मांग है कि कोई स्वतंत्र एजेंसी मामले की जांच करे और उन लाखों बेरोज़गारों के साथ न्याय करे जो इन प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होते हैं.’

हिंदी में सीधे सपाट हस्ताक्षर

इस परीक्षा में एक और संयोग नजर आ रहा है। टॉप 10 में आए अधिकांश उम्मीदवारों ने हिंदी में एकदम सीधे सपाट हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उनके सरनेम भी नहीं दिख रहे हैं। परीक्षा देने वाले मध्य प्रदेश के युवाओं और कांग्रेस के नेताओं ने इस परीक्षा को रद्द करके फिर से पारदर्शी तरीके से कराए जाने की मांग की है. दरअसल, वर्ष 2020 में ESB ने कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ विस्तार अधिकारी की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। उसमें भी पेपर लीक हुआ था और आवेदकों ने 195 नंबर तक हासिल कर लिए थे. बाद में जांच में सामने आया था कि इस परीक्षा का पेपर बाहर किसी अन्य कंप्यूटर सेंटर में लीक हुआ था। विवाद सामने आने के बाद मंडल ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था

2010 के बाद से ही परीक्षाओं में विवाद

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में साल 2010 के बाद से ही व्यावसायिक परीक्षा मंडल की प्रवेश परीक्षाएं विवादों में हैं। बाद में सरकार ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी VYAPAM का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड यानी PEB कर दिया था। विवाद उसके बाद भी समाप्त नहीं हुआ तो संगठन का स्वरूप ही बदलकर ESB कर दिया गया.

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