जयपुर : प्रदेश में बेघरों को अब छत नसीब होगी. मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार विधानसभा के मौजूदा सत्र में बेघरों के लिए विधेयक लेकर आने की तैयारी कर रही है. विधानसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली द्वारा यह जानकारी साझा की गई है. दरसअल, प्रश्नकाल के दौरान आज बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने बेघर एवं पुनर्वास नीति को लेकर सरकार से सवाल किया था, जिसके जवाब में मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार इसी सत्र में बेघर उत्थान एवं पुनर्वास विधेयक लाने की तैयारी में जुटी है, जिसके तहत खुले में रहने को मजबूर गरीब और असक्षम लोगों को छत दिलाई जाएगी. वहीं ऐसे लोग जो मजदूरी करने के लिए गावों से शहरों में आते हैं और बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और खुले में अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे लोगों को इस कानून के जरिए घर उपलब्ध कराया जाएगा.
बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय
इसी के साथ मंत्री टीकाराम जूली ने जवाब देते हुए कहा कि बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने सम्बन्धी विधेयक को इसी सत्र में लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत सरकार दिव्यांगों के लिए उच्च शिक्षा, रिसर्च, शिक्षकों के लिए विशेष व्यवस्था के लिए जामडोली में बाबा आम्टे विश्विविद्यालय स्थापित करने की घोषणा सरकार द्वारा की गई थी. मंत्री टीकाराम ने कहा कि सक्षम स्तर से अनुमोदन के बाद विश्वविद्यालय स्थापित करने की व्यवस्था की जाएगी.
बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति
- सरकार बेघर और बेसहारा लोगों को मुहैया कराएगी घर.
- विधानसभा सत्र में लाया जा रहा है विधेयक.
- विधेयक में ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा, जो गरीब हैं, घर बनाने में सक्षम नहीं है. या फिर ऐसे लोग जो मजदूरी के लिए शहर में आते हैं.
- साथ ही सरकार द्वारा उन लोगों के लिए छत मुहैया कराया जाएगा जो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और खुले में रहने को मजबूर हैं.
- पहले ही राजस्थान बेघर उत्थान एंव पुर्नवास नीति के संबंध में टास्क फोर्स गठित की जा चुकी है.
- 24 नवम्बर 2022 को कैबिनेट द्वारा किया गया था नीति का अनुमोदन.