भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा में बदलाव की सुगबुगाहट ने जोर पकड़ लिया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद तो अटकलों का बाजार गरमा गया है। इस दौरान शुक्रवार को यह बात फैल गई कि पार्टी नेतृत्व ने प्रहलाद पटेल को प्रदेश भाजपा की कमान सौंप दी है। हालांकि, इस संबंध में कोई अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है।
प्रहलाद पटेल ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष बनने या दावेदारी को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह सब काल्पनिक और मनगढंत है. प्रहलाद ने कहा कि वे अभी जबलपुर में हैं. यहां से नए संसद भवन के 28 मई को होने वाले लोकार्पण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वे दिल्ली जा रहे हैं.
प्रहलाद पटेल का नाम चर्चा में क्यों बना ?
मंगलवार को सागर के मंत्रियों गोविंद राजपूत, भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव की आपसी लड़ाई का मसला सामने आया था। बताया जा रहा है कि दो विधायकों के साथ राजपूत और भार्गव ने भूपेंद्र सिंह की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है। इसके बाद बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर शिवराज सिंह चौहान ने प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय के साथ बैठक की थी। इसके बाद पटेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मैं अपने पुराने मित्रों शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय जी का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं। जिन्होंने मेरी इस मन:स्थिति से उबरने और सक्रियता के लिए एक पुराना प्रयोग कर संबल दिया। संघर्ष के समय में आपस के प्रेम और विश्वास का अहसास हुआ।’ इस ट्वीट के बाद से पटेल का नाम चर्चा में आ गया। पटेल एक समय प्रदेश में बहुत सक्रिय थे। उमा भारती के साथ भारतीय जनशक्ति पार्टी में गए थे और फिर लौट आए। तब से ही वे प्रदेश की राजनीति से दूर ही रहे थे। ऐसे में उनका नाम चर्चा में आना नए समीकरणों के संकेत देता है।