Sunday, November 24, 2024

‘संत रविदास’ के सहारे मध्यप्रदेश का चुनाव, जानिए समीकरण

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी हर वर्ग के वोटरों को साधने के लिए एमपी में तरह-तरह की योजनाओं का उद्घाटन कर रही है। रविवार के दिन संत रविदास जयंती के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही नेता एसटी वोटरों को साधने के लिए ग्वालियर-चंबल में कार्यक्रम में एकजुट हुए। बता दें इस मौके पर भाजपा ने विकास यात्रा के बहाने अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी संत रविदास की जयंती पर ग्वालियर में बड़ा कार्यक्रम किया।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में बड़े-बड़े नेताओं का जुटान रहा। भजपा के कार्यक्रम सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया एक तरह से चुनावी बिगुल फूँक चुके है। वहीं ग्वालियर में कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह समेत तमाम बड़े नेता पहुंचे।

क्यों है एमपी में इस वर्ग के वोटर खास

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में टोटल 230 सीटें हैं, जिसमे से 35 सीटें अनूसचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। ये इतनी सीट है कि किसी भी पार्टी को सत्ता में स्थापित कर सकती है तो सत्ता से निकाल भी सकती है। इसीलिए राज्य के बड़ी पार्टीयां इस वर्ग के वोटर को अपनी तरफ जोड़ने की कोशिश कर रही है। 2003 और 2013 तक अनुसूचित जनजाति वर्ग का साथ मिलने पर बीजेपी सत्ता में काबिज रही, लेकिन 2018 में इस वर्ग के छिंटकने से बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई। इस वर्ष कांग्रेस ने 18 और बीजेपी ने 17 सीटें जीती थी। जबकि 2013 में बीजेपी के पास 28 सीटें थी।

विकास यात्रा से साधेंगे निशाना

भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग को अपने साथ लाने के लिए कार्यक्रम बना रही हैं। सरकारी योजनाओं में उनको मिल रहे लाभ का प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं। एसटी वर्ग की हितैषी बताने के लिए ही संत रविदास जयंती पर पूरे प्रदेश में विकास यात्राओं का शुभारंभ किया और कार्यक्रम किये गए।

वहीं, कांग्रेस ने भी अनुसूचित जाति वर्ग के वोटरों को साधने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं। यहीं कारण है कि ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ शामिल होने पहुंचे। कांग्रेस इस वर्ग को अपने साथ लाने के लिए संपर्क अभियान चला रही हैं।

मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल में तेजी हो गई है। शिवराज सिंह चौहान विकास यात्रा के माध्यम से उन सीटों पर भी ज्यादा ध्यान दे रहे है जिस पर पार्टी को विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा था।

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