भोपाल से 50 किमी दूर वर्ल्ड हेरिटेज सिटी सांची अब देश के नक्शे पर अपनी नई पहल के लिए पहचानी जाएगी। यह देश की पहली सोलर सिटी होगी। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करने वाले हैं। कर्क रेखा पर स्थित सांची शहर में सूरज की सीधी किरणें पड़ती हैं। धूप की इसी ताकत को अब ऊर्जा में बदलने की तैयारी है। बुद्ध का यह शहर और ज्यादा कुदरती हो रहा है, बस बीच में कांच के कुछ पैनल होंगे।
सीएसआर पर सोलर सिटी बनाने का सारा खर्च
ऐसा पहली बार हुआ है जब सोलर सिटी बनाने का सारा खर्च कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से जुटाया गया है। मतलब यह कि इसमें सरकार को एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ा। फंड देने वाली सभी कंपनियां एनर्जी से जुड़ी पीएसयू हैं। फिलहाल हर साल 30 लाख यूनिट की जरूरत वाले सांची में 56 लाख यूनिट बिजली पैदा करने का इंतजाम किया गया है। ताकि हर घर में एसी लग जाएं, नए घर बन जाएं या नए होटल खुल जाएं तो भी सोलर ग्रिड जरूरत के मुताबिक बिजली दे सकें।
5 वर्षों के लिए है तैयारी
यह तैयारी अगले 5 वर्षों के लिए है। यहां स्थित मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटल पर 100 केवी क्षमता वाला शहर का सबसे बड़ा पैनल है। स्टेशन पर 50 केवी व घरों-दफ्तरों पर मिलाकर 250 केवी के पैनल हैं। ऑफ ग्रिड यानी इंडिविजुअल पैनल के माध्यम से काम करने वाले ट्री, स्ट्रीट लाइट, हाईमास्ट, विंड टर्बाइन, सोलर स्क्रीन, ऑडियो-वीडियो पैनल, वॉटर कियोस्क, चार्जिंग पाइंट एक जगह, एक शहर में पहली बार लगे हैं।