भोपाल। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को 250 रुपए का शुल्क देना पड़ेगा। यह व्यवस्था 1 फरवरी 2023 से लागू होगी। इस व्यवस्था के तहत दर्शन के लिए बनाई गई वीआईपी प्रोटोकॉल को खत्म कर दिया हैं और अब किसी को वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करना हैं तो उन्हें 250 रुपए का दर्शन शुल्क देना पड़ेगा। हालांकि शासन के प्रोटोकॉल में आने वाले अति विशिष्ट दर्शनार्थियों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा, उनके लिए दर्शन की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी।
मंदिर समिति की बैठक में हुआ निर्णय
गौरतलब हैं कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में विभिन्न विभागों को प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन कराने के लिए कोटा निर्धारित है। इस व्यवस्था के तहत आने वाले श्रद्धालुओं को निःशुल्क दर्शन कराए जाते थे। लेकिन अब प्रोटोकॉल व्यवस्था को खत्म कर दिया गया हैं। इसके लिए 27 जनवरी को मंदिर समिति की बैठक की गई, जिसमें पूरा खाका तैयार किया गया। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब अतिविशिष्ट वीवीआईपी को छोड़कर सभी श्रद्धालुओं से 250 रुपए शुल्क लिया जायेगा। मालूम हो कि मंदिर समिति को शिकायत मिल रही थीं कि निशुल्क दर्शन व्यवस्था में वीआईपी श्रद्धालुओं से पैसे लेकर दर्शन कराए जाते है। वहीं जो लोग प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत आते थें उन्हें भी निःशुल्क दर्शन कराया जा रहा था। मंदिर की व्यवस्थाएं बिगड़ रही थीं।
इन लोगों को नहीं देनी पड़ेगी कोई शुल्क
1 फरवरी से लागू हो रही नई व्यवस्था में साधु संत, महामंडलेश्वर, शंकराचार्य, पीठाधीश्वर, धर्माचार्य, प्रेस क्लब के सदस्य एवं अति विशिष्ट व्यक्ति जो शासन के प्रोटोकॉल में आते हैं, उन्हें निःशुल्क प्रवेश मिलेगा। इसके अतिरिक्त अन्य माध्यम के दर्शनार्थी को 250 रुपए का शुल्क देना पड़ेगा।