भोपाल। इंडियन सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ मंत्री विजय शाह द्वारा दिए विवादित बयान के मामले में कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एमपी सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। अब इस मामले की जांच की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के 3 बड़े अधिकारियों को सौंपी […]
भोपाल। इंडियन सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ मंत्री विजय शाह द्वारा दिए विवादित बयान के मामले में कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एमपी सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। अब इस मामले की जांच की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के 3 बड़े अधिकारियों को सौंपी गई है। भोपाल के DIG कल्याण चक्रवर्ती, SIT में आईपीएस सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा और डिण्डोरी की पुलिस SP वाहिनी सिंह को शामिल किया गया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह का माफीनामा रद्द कर दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को इस मामले में जांच के लिए एकSIT गठित करने के भी निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि SIT में शामिल तीनों IPS बाहर के यानी किसी दूसरे राज्य के होने चाहिए। जांच टीम में 1 महिला आईपीएस को भी टीम का हिस्सा बनाया गया है। एसआईटी की मॉनिटरिंग का काम आईजीपी को दिया गया है। साथ ही एसआईटी में शामिल अधिकारी एसपी या उससे ऊपर की रैंक के होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोफिया कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में MP CID ने SIT का गठन किया है। PHQ SAF डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती, सागर आईजी प्रमोद शर्मा और डिंडोरी एसपी वाहिनी सिंह इस पूरे मामले की जांच करेंगे।
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने 12 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानियों ने हमारे देश के लोगों के कपड़े उतारे, लेकिन हमने उनकी समाज की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवा दी। इसके बाद उनके बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को जमकर फटकार लगाई। इतना ही नहीं, उनकी माफी को साफ तौर पर खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप एक पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए।