Tuesday, February 4, 2025

Flour: भारत में तेजी से बढ़ रहे गेहूं के आटे के दाम, जनता की जेब पर पड़ रहा असर

भोपाल। भारत में जहां गेहूं का आटा प्रतिदिन लाखों लोगों के पेट भरने का एक जरिया है। वहां आटे की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे मध्य वर्गीय परिवारों के बजट पर भारी पड़ रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि आटे की कीमतें 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।

विकास की गति धीमी

कान्टार रिपोर्ट के मुताबिक इस बढ़ती की कीमत का असर सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाके में रहे लोगों पर पड़ रहा हैं। आटे की कीमत बढ़ने से परिवारों के खर्चे बढ़ गए हैं। FMCG सेक्टर की ग्रोथ भी इससे कमी आई है। रिपोर्ट के माने तो ग्रामीण इलाकों में FMCG सेक्टर की ग्रोथ 4 फीसदी रही है, जो पिछले साल के मुकाबले काफी हद तक कम है। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी FMCG का विकास की गति धीमी हो गई है। विकास की गति 4.5 परसेंट ही रह गई है। खास बात है कि गेहूं के आटे का दाम इस धीमे विकास का सबसे बड़ा कारण बन गया है।

गेंहू के आटे में तेजी से वृद्धि

आटे की कीमतें दिसंबर में 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। ये कीमत जनवरी 2009 के बाद सबसे ज्यादा बढ़ी है। आटे की कीमतों में इस बढ़ोतरी का असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। खाद्य महंगाई पर नियंत्रण पाने की सरकार की कोशिशे नाकाम होती नजर आ रही है। दरअसल, ग्रामीण भारत में आटे की बढ़ती कीमतों ने वहां के परिवारों का बजट बिगाड़ दिया है। ग्रामीण इलाकों में आटा लोगों के मासिक खर्च का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन गेहूं के आटे की कीमतों में आगे भी तेजी से वृद्धि होने की आंशका है।

कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी

गेहूं की पैदावार कम होने की वजह से सरकार के पास इसका स्टॉक भी कम है,लेकिन इसकी डिमांड ज्यादा है। यही कारण है कि इसकी कीमते तेजी से बढ़ रही है। कुछ FMCG कंपनियों ने संकेत दिया है कि कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हो रही है, जिसकी वजह से उनके ऊपर कई प्रॉडक्ट्स के दाम बढ़ाने का प्रेशर है। शहरी क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर 11.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो पिछले 15 महीनों में सबसे ज्यादा पाई गई। इस बढ़ोतरी का असर FMCG की कीमतों पर पड़ा है।

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