भोपाल। प्रदेश सरकार के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. सरकार ने अक्टूबर तक एक लाख खाली पद भरने का ऐलान किया है. अब तक कर्मचारी चयन मंडल के जरिए विभिन्न विभागों में एक साल में सिर्फ 35 हजार पद ही निकाले गए हैं। इनमें 7500 शिक्षकों और 3 हजार अन्य की भर्तियां हुई हैं। बाकि 24500 की प्रक्रिया अभी जारी है।
सरकार के सामने 65 हजार पदों को भरने की समस्या
बताया जा रहा है कि सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती 6 महीने में बाकि 65 हजार रिक्त पदों को भरने की है, क्योंकि ये पद तो मिल चुके हैं, लेकिन अब इन्हें भरने का समय नहीं हैं। इसलिए सरकार ने एक सरकारी जुगाड़ निकाल लिया है। वो संविदा और आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को सिर्फ ‘सरकारी’ दिखाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों से 12 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। नोटशीट में बताया गया है कि आपके विभागों में जितने भी संविदा या आउट सोर्स वाले कर्मचारी है, उनकी लिस्ट बनाकर और उनके नाम पोर्टल पर भी सार्वजनिक किए जाएं।
विभाग ने नोटिस में क्या लिखा
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नोटशीट में लिखा गया है कि अधीनस्थों, विभागाध्यक्ष कार्यालयों, निगम मंडल एवं अशासकीय संस्थाओं में जो भी भर्ती की जा रही हैं, उनमें कुछ नियुक्तियां आउटसोर्स से हो रही होंगी। इन भर्तियों की जानकारी को 1 लाख रिक्त पदों को भरने के लिए तैयार किए गए पोर्टल में भर दें। आनन-फानन में विभागों ने कुल नियुक्तियों में सीधी भर्ती, बैकलॉग, नियमित, अनुकंपा, संविदा, आउटसोर्स वालों की गिनती शुरू हो गई है। वही सूत्रों का कहना है कि ये पद भरकर सरकार बेरोजगारी पर अंकुश का मैसेज जनता को देना चाहती है।