भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर से बड़ी भयावह खबर सामने आई है। इंदौर में हैजा का प्रकोप देखने को मिला है। यहां स्थित एक बाल आश्रम में हाल ही में 3 वर्ष की मासूम बच्ची की इलाज के दौरान जान चली गई। इस वजह से आश्रम में कॉलेरा से जान गंवाने वाले बच्चों का आंकड़ा 11 पहुंच गया है। इंदौर स्थित श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में विकलांग, उपेक्षित व अनाथ बच्चों को संरक्षण दिया जाता है। यहां पिछले 45 दिनों में कई मासूम बच्चों ने जान गंवाया हैं।
इलाज के दौरान हुई मौत
सरकारी चाचा नेहरू बाल अस्पताल की सुपरिंटेंडेंट डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया है कि एक मासूम बच्ची को उसके परिजनों ने 3 अगस्त को बेहद गंभीर स्थिति में हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। बीमार बच्ची को उल्टियां, दस्त व डिहाइड्रेशन की दिक्कत थी। सभी प्रयासों के बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। ऐसे में सोमवार की रात बच्ची की मृत्यु हो गई।
कुपोषण के कारण गई जान
डॉक्टर ने इस मामले को लेकर बताया कि मृतक बच्ची विकलांग थी और पहले से ही कुपोषण की शिकार थी। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के मोर्चरी में भेज दिया गया। आश्रम संचालक का दावा है कि उन्होंने मासूम बच्ची को उसके परिवार को दे दिया था।
जिला अधिकारी ने कहा
मामले पर अधिकारियों ने कहा, जिला प्रशासन की हालिया जांच सैंपल से अनुमान मिले हैं कि आश्रम में हैजा फैलने के बाद पिछले 45 दिनों में 10 बच्चों की जान चली गई. प्रशासन की उच्च स्तरीय जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आश्रम में क्षमता से ज्यादा बच्चे को पनाह दिया जा रहा है। बच्चों के मेडिकल हिस्ट्री सही नहीं हैं और जांच में भी कई अनियमितताएं देखी गई। हालांकि, जिला अधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि हाल ही में 3 साल की मासूम की मौत मामले में प्रथम दृष्टया कोई लापरवाही नहीं देखी गई है। वहीं जिन बच्चों के अभिवावक जीवित हैं, उन्हें आश्रम ने उनके बच्चे दे दिए हैं।