भोपाल। एमपी के धार जिले में स्थित पीथमपुर में शुक्रवार को हुए उपद्रव के बाद फिलहाल शांति बनी हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहों का अंबार बना हुआ है। रविवार की सुबह पूरे क्षेत्र में यह अफवाह फैल गई कि भोपाल से आए 12 कंटेनर में से एक कंटेनर गायब हो गया है। इस […]
भोपाल। एमपी के धार जिले में स्थित पीथमपुर में शुक्रवार को हुए उपद्रव के बाद फिलहाल शांति बनी हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहों का अंबार बना हुआ है। रविवार की सुबह पूरे क्षेत्र में यह अफवाह फैल गई कि भोपाल से आए 12 कंटेनर में से एक कंटेनर गायब हो गया है। इस अफवाह से क्षेत्र में एक बार फिर डर का माहौल है।
प्रशासन ने तत्काल जनप्रतिनिधियों को भ्रमण करने को कहा, जिसके बाद वहां गायब कंटेनर वापस आ गया। पीथमपुर बचाओ समिति के संयोजक हेमंत हिरोले ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य जगह यह अफवाह फैल चुकी है। पाया गया कि 11 कंटेनर हैं और एक कंटेनर गायब है। इस अफवाह को दूर करने के लिए एसडीएम और तहसीलदार समेत बाकी लोगों को बुलाया गया था। हम सभी ने वहां जाकर देखा तो कंटेनर था, साथ ही उस पर सील लगी हुई थी। उन्होंने जनता से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने को कहा है।
वहीं, एसडीएम प्रमोद सिंह गुजर ने कहा कि कुछ वॉट्सपग्रुप पर गलत सूचना चल रही थी कि एक कंटेनर कम पाया गया है। हमने जनप्रतिनिधि को दौरान करने के लिए भेजा है। सभी ने देखा कि कंटेनर कही गायब नहीं है। मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वहीं 40 साल पहले यानी 1984 में यूनियन कार्बाइड कारखाने में खतरनाक गैस मिथाइल आइसोनेटे लीक होने से 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
वहीं हजारों लोग प्रभावित होकर अपंगता और अंधेपन का शिकार हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को पीथमपुर में जलाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुर के लोगों से कोई सलाह या सहमति नहीं ली गई है।
पीथमपुर में रहने वालों को रेडिएशन का खतरा हो सकता है, अगर ऐसा होता है तो पीथमपुर में उचित मेडिकल फैसिलिटी भी उपस्थित नहीं हैं। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा